29 जुलाई 2024। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस विशेष: मध्य प्रदेश ने देश में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कर एक नया इतिहास रचा है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब दुनिया के कुल बाघों का 75% हिस्सा निवास करता है। पिछले चार-पांच वर्षों में बाघों की संख्या में 259 की वृद्धि हुई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
गांवों का विस्थापन और हैबिटेट विकास: मध्य प्रदेश के 'टाइगर स्टेट' बनने का श्रेय मुख्यतः गांवों के वैज्ञानिक विस्थापन, ट्रांसलोकेशन और बाघों के प्राकृतिक आवास (हैबिटेट) के विकास को दिया जाता है। इन उपायों से बाघों को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिला है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
प्रदेश के लिए गौरव का क्षण: मध्य प्रदेश के लिए यह एक गौरव का क्षण है। प्रदेश सरकार के प्रयासों और वन विभाग के कर्मचारियों की मेहनत से यह संभव हुआ है। बाघों की संख्या में वृद्धि न केवल जैव विविधता के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया: वन्यजीव विशेषज्ञों ने इस उपलब्धि को सराहा है। उनके अनुसार, मध्य प्रदेश ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक मॉडल स्थापित किया है। अन्य राज्यों को भी मध्य प्रदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए और बाघ संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
आगे का रास्ता: हालांकि, बाघ संरक्षण की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। शिकार, अवैध वन्यजीव व्यापार और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसी समस्याओं से निपटने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
मध्य प्रदेश ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि न केवल प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। आशा है कि आने वाले समय में भी मध्य प्रदेश बाघों का सुरक्षित घर बना रहेगा।
- दीपक शर्मा
75% बाघों का घर: मध्य प्रदेश, बाघ संरक्षण में मध्य प्रदेश का अद्भुत योगदान
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1121
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