मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, "प्रदेश में विज्ञान का लोकव्यापीकरण किया जा रहा है"

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 650

उज्जैन में होने वाले विज्ञान मेले एवं नेशनल स्पेस-डे के संबंध में हुई समीक्षा बैठक
29 जुलाई 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान का लोकव्यापीकरण किया जा रहा है। सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यप्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से कई वैज्ञानिक कार्य क्रियान्वित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के तहत, 23 अगस्त 2024 को उज्जैन में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि प्रमुख वैज्ञानिकों को संभाग स्तरीय मेलों में आमंत्रित किया जाए और विज्ञान से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों को भी शामिल किया जाए। यह समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाने और आय वृद्धि के प्रयास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी विभागों के लिए ई-सर्विस पोर्टल बनाया गया है और आईटी की महती भूमिका का उपयोग करते हुए साइबर अपराध को रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जाए और आय बढ़ाने के लिए भी प्रयास हों। नीमच में मसाला उद्योग के विकास के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। विज्ञान मेलों में प्रदर्शनी लगाई जाए और रिसर्च की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।

चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के उतरने से चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया है। भारत अब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाले अग्रणी राष्ट्रों में शामिल हो गया है। इस ऐतिहासिक मिशन के परिणाम से आने वाले वर्षों में मानव जाति को लाभ होगा।

उज्जैन का वैज्ञानिक महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्य धरातल पर दिखें और नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उज्जैन को अनुसंधान केंद्र बनाने की कोशिश की जानी चाहिए और विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। डोंगला के रिसर्च सेंटर के संचालन के लिए विभिन्न पदों की पूर्ति की जाए। मध्यप्रदेश को डिफेंस के क्षेत्र में बड़ा रिसर्च केंद्र बनाया जाए। उज्जैन में प्रस्तावित विज्ञान सिटी के कार्य शीघ्रता से किए जाएं।

उज्जैन में तारा मंडल का अपग्रेडेशन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने का माहौल बनाना चाहिए। उज्जैन में विज्ञान केंद्र का भवन तैयार कर लिया गया है और तारा मंडल का अपग्रेडेशन हो चुका है। खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑटोमेशन का कार्य अंतिम चरण में है। ग्रामीण प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग केंद्र औबेदुल्लागंज में तैयार किया गया है।

बच्चों में रुचि जागृत करने स्पेस ऑन व्हील्स बस का निरीक्षण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आयोजित हो रही इन्वेस्टर्स समिट के साथ आरोग्य एक्सपो का आयोजन किया जाए। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए स्पेस ऑन व्हील्स बस का निरीक्षण कराया जाए और ड्रोन तकनीकी का उपयोग कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी किया जाए। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए।

संभागीय स्तर पर विज्ञान मेला आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश के अनुसार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त रूप से संभागीय स्तर पर विज्ञान मेले आयोजित किए जाएंगे। इसमें खगोल विज्ञान, नवीन विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए संभावनाएं और अवसर प्राप्त होंगे। इसरो और अन्य वैज्ञानिक संगठनों के समन्वय के साथ संभागीय स्तर पर विज्ञान मेले का आयोजन प्रस्तावित है। इन मेलों के माध्यम से वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, नवाचारों और जनमानस को वैज्ञानिक लाभ होगा एवं विज्ञान के नवीन क्षेत्रों में रोजगार का सृजन होगा। एमपीसीएटी द्वारा उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग, आईआईटी इंदौर और गांधीनगर के सहयोग से 20-21 अगस्त 2024 को अंतरिक्ष दिवस के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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