
30 जुलाई 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन-2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विज्ञान को मातृभाषा में समझना सरल है और इसी दिशा में कार्य करते हुए मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में आरंभ की गई है। उन्होंने हिंदी में विज्ञान संप्रेषण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि प्रत्येक स्तर पर इसे बढ़ावा देना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएसआईआर-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने एम्प्री के अर्धवार्षिक प्रकाशन "अनुसंधान संदेश" और राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन-2024 की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस मौके पर राष्ट्रीय योग खिलाड़ी श्री शुभम शर्मा ने योग के विभिन्न आसनों का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कवि, साहित्यकार तथा शिक्षाविद् डॉ. संतोष चौबे को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित भी किया।
डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान से संबंधित तकनीकी शब्दों के हिंदी में अनुवाद से विज्ञान का जन-सामान्य में संप्रेषण बढ़ेगा, जिससे विज्ञान संबंधित जिज्ञासाएं बढ़ेंगी और विषय को समझना आसान होगा। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक ज्ञान के आधार पर किए गए नवाचार को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने पराधीनता के दौर में देशवासियों के अपने गुणों को पहचानने में हुई कठिनाई को याद करते हुए कहा कि अब हिंदी की महत्ता देश और दुनिया में स्थापित हो रही है।
उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरू का नाम देने की परंपरा और शिक्षक दिवस के साथ ही गुरू पूर्णिमा पर गुरू को सम्मानित करने की सांस्कृतिक परंपरा को जारी रखने के प्रयास की सराहना की। डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का यह चौथा संस्करण विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी विज्ञान सम्मेलन के आयोजन की दिशा में अग्रसर होगा।
सीएसआईआर-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (एम्प्री) भोपाल द्वारा विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल और सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान निस्पर नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में 30 समानांतर सत्रों में विज्ञान एवं तकनीक पर 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है।