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सेबी ने आंकड़ों के जरिए हिंडनबर्ग के दावों को किया खारिज, निवेशकों को दी सतर्क रहने की सलाह

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1581

भोपाल: 12 अगस्त 2024। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद सेबी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। सेबी ने आंकड़ों के आधार पर हिंडनबर्ग के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। सेबी ने निवेशकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।

सेबी ने क्या-क्या बताया?
हिंडनबर्ग के दावे बेबुनियाद: सेबी ने कहा है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और इनका कोई ठोस सबूत नहीं है।
नियमों का पालन: सेबी ने कहा है कि अडानी ग्रुप ने सभी नियमों का पालन किया है और कंपनी के खिलाफ कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई है।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह: सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें।
मार्केट पर असर: सेबी ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद मार्केट में कुछ अस्थिरता देखी गई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है।
जांच जारी: सेबी ने कहा है कि वह इस मामले की जांच जारी रखे हुए है और अगर कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हिंडनबर्ग ने क्या आरोप लगाए थे?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें से कुछ प्रमुख आरोप निम्नलिखित हैं:
अकाउंटिंग में गड़बड़ी: हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप ने अपने खातों में गड़बड़ी की है और कंपनी की वास्तविक स्थिति को छुपाने का प्रयास किया है।
शॉर्ट सेलिंग: हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग की थी और कहा था कि कंपनी के शेयरों का मूल्य गिरकर शून्य हो जाएगा।
अडानी परिवार का स्वार्थ: हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडानी परिवार कंपनी के संसाधनों का निजी लाभ के लिए उपयोग कर रहा है।

विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी का यह बयान निवेशकों के लिए एक राहत की खबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेबी की जांच से यह साबित होता है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे।

सेबी के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं था। सेबी ने आंकड़ों के आधार पर हिंडनबर्ग के दावों को खारिज कर दिया है और निवेशकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। हालांकि, इस मामले पर अंतिम फैसला अभी बाकी है और जांच अभी भी जारी है।

Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दी गई है और इसे किसी भी तरह के निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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