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पीएम मोदी के भाषण में बड़े न्यायिक सुधार और समान नागरिक संहिता के संकेत

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2367

15 अगस्त 2024। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की। उनके भाषण में न्यायिक सुधारों और समान नागरिक संहिता पर जोर देने के साफ संकेत मिले। यहां पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें दी गई हैं:

समान नागरिक संहिता की आवश्यकता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को एक "धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता" की जरूरत है जो धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो। उनका कहना था कि जब तक देश में एक समान नागरिक संहिता लागू नहीं होती, तब तक धार्मिक भेदभाव से मुक्ति संभव नहीं है। उन्होंने इसे "समय की मांग" बताया।

सभी के लिए समान कानून
मोदी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) 1989 से सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों की मांग कर रही है, चाहे वे किसी भी धर्म या लिंग के हों। प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (UCC) का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनों का सेट बनाना है, जो विवाह, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मामलों को शामिल करता है।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण
भारत में प्रमुख धार्मिक समुदाय अपने-अपने व्यक्तिगत कानूनों का पालन करते हैं, जो धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं पर आधारित होते हैं। भा.ज.पा.-नियंत्रित कुछ राज्यों ने पहले ही UCC को अपनाया है। उत्तराखंड ने इस साल इसका पालन शुरू किया है।

विपक्ष की आलोचना
समान नागरिक संहिता की आलोचना विपक्षी पार्टियों द्वारा की गई है। उनका कहना है कि यह धार्मिक और जनजातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव कर सकती है। कांग्रेस पार्टी के जयराम रमेश ने कहा कि भिन्नता का अस्तित्व भेदभाव का संकेत नहीं है और अधिकांश देश भिन्नताओं की पहचान की ओर बढ़ रहे हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध
मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कड़ी निंदा की और इनकी पूरी जांच की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दानवी कृत्यों में लिप्त लोगों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में विश्वास पैदा किया जा सके।

महिलाओं की भूमिका
प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भूमिका को भी उजागर किया और कहा कि उनकी बढ़ती भागीदारी भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि 2030 तक भारत का वार्षिक राजस्व $10 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करता है और भविष्य के सुधारों की दिशा दिखाता है।


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