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मध्य प्रदेश ने फिर से जीता "सोया प्रदेश" का खिताब

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 772

महाराष्ट्र, राजस्थान को पीछे छोड़ा, 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान

1 सितंबर 2024। मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे अपने प्रतिद्वंद्वी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देश में सबसे अधिक सोयाबीन उत्पादन करने वाला राज्य बनने का गौरव एक बार फिर हासिल कर लिया है।

भारत सरकार के जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ पहले नंबर पर आ गया है। देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान 41.92 प्रतिशत है। महाराष्ट्र 5.23 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर । देश के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान 40.01 प्रतिशत है जबकि राजस्थान 1.17 मिलियन टन उत्पादन के साथ तीसरे नंबर पर है और देश के कुल सोया उत्पादन में राजस्थान का योगदान 8.96% है।

पिछले दो सालों में मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में कमी आने से मध्य प्रदेशपिछड़ गया था। वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 42.12% का योगदान था और जबकि मध्य प्रदेश 5.39 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर था। देश के कुल सोया उत्पादन में योगदान 41.50 प्रतिशत था।

इसके पहले 2021-22 में भी महाराष्ट्र 6.20 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के सोयाबीन उत्पादन में 48.7% का योगदान था जबकि मध्य प्रदेश 4.61 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर था। देश के कुल उत्पादन में इसका योगदान 35.78%था।

इसके एक साल पहले 2020-21 में मध्य प्रदेश 5.15 मिलियन टनउत्पादन के साथ पहले स्थान पर रहा था और देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 45.05 0% का योगदान था। इस साल महाराष्ट्र 4.6 मिलियन टन उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर था और राजस्थान तीसरे नम्बर पर था।

प्रदेश में सोयाबीन का रकबा 2022-23 की अपेक्षा 2023-24 में 1.7 % बढ़ा और क्षेत्रफल पिछले साल 5975 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 2023-24 में 6679 हेक्टेयर हो गया है। सोयाबीन का क्षेत्रफल बढ़ने से उत्पादन भी बढ़ा । पिछले साल 2022-23 में सोयाबीन उत्पादन 6332 हजार मैट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 6675 हजार मैट्रिक टन हो गया।

उतार-चढ़ाव

पिछले वर्षो में सोयाबीन उत्पादन और क्षेत्रफल में उतार-चढ़ाव होता रहा। सोयाबीन के क्षेत्रफल में वर्ष 2018-19की तुलना में वर्ष 2019-20में 14.30प्रतिशत की वृद्धि हुई। सोयाबीन क्षेत्रफल 2018-19में 5019 हजार हेक्टेयर था जो 2019-20में बढ़कर 6194 हज़ार हेक्टेयर हो गया। इसी दौरान सोयाबीन का उत्पादन 2018-19में 5809 हज़ार मिट्रिक टन था जो बढ़कर 2019-20में कम होकर 3856 मैट्रिक टन हो गया। सोया उत्पादन में 33.62% की कमी आई।

आगे का रास्ता
मध्य प्रदेश सरकार को किसानों को और अधिक समर्थन देना चाहिए ताकि वे सोयाबीन उत्पादन में और अधिक वृद्धि कर सकें। साथ ही, सरकार को बाजार में उतार-चढ़ाव से किसानों को बचाने के लिए उपाय करने चाहिए।

मध्य प्रदेश का "सोया प्रदेश" बनना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

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