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मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद के प्रमुख निर्णय: सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र और मुरैना में लेदर क्लस्टर की स्थापना को मंजूरी

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 507

भोपाल: 1. नीमच जिले में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 3 सितंबर 2024 को मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें नीमच जिले की जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रमुख रही। इस परियोजना की कुल लागत 4,197.58 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत 1,08,600 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

यह परियोजना नीमच जिले की नीमच तहसील के 253 गांवों और जावद तहसील के 212 गांवों में किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी। नीमच तहसील में 59,700 हेक्टेयर और जावद तहसील में 48,900 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। इससे इस क्षेत्र के कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है।

2. नर्मदापुरम जिले में ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र की स्थापना
बैठक में औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई, जिला नर्मदापुरम में विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा के उपकरणों के विनिर्माण के लिए एक विशेष क्षेत्र की स्थापना की भी मंजूरी दी गई। इस क्षेत्र को पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस जोन की स्थापना और संचालन के लिए एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल को अधिकृत किया गया है।

राज्य सरकार इस जोन की स्थापना के लिए 93.5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करेगी, जिसमें से 40% यानी 37.4 करोड़ रुपये की राशि समायोजन के बाद उपलब्ध कराई जाएगी, और शेष 60% यानी 56.1 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति विभागीय बजट से की जाएगी। इस विनिर्माण क्षेत्र में स्थापित होने वाली इकाइयों को उद्योग संवर्धन नीति 2014 के तहत विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इनमें विद्युत दर, जल दर, भूमि प्रभार, और अन्य संबंधित शुल्कों में रियायतें शामिल हैं।

3. मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर और एसेसरीज़ क्लस्टर की स्थापना
मंत्रि-परिषद ने मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर (द्वितीय चरण) में मेगा लेदर, फुटवेयर और एसेसरीज़ क्लस्टर डेव्हलपमेंट पार्क की स्थापना को भी मंजूरी दी। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार की अंश राशि 111.04 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। कुल 161.7 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होने वाले इस क्लस्टर में लेदर फुटवेयर, बैग्स, बेल्ट, जैकेट, गारमेंट, और अन्य लेदर एसेसरीज़ के उत्पादन की सुविधा होगी।

इस क्लस्टर में निवेशकों को भूमि विकास शुल्क, भूमि प्रभार, और लीज रेंट में छूट देने का निर्णय भी लिया गया है। इसके साथ ही, भू-आवंटन के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता म.प्र. शासन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव करेंगे।

4. बिजली और पानी की दरों में रियायतें
पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन में स्थापित होने वाली इकाइयों को शुरुआती पांच वर्षों तक 4.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाएगी, जिसके बाद हर साल 3% की दर से बढ़ोतरी होगी। राज्य सरकार इस बढ़ी हुई दर के अंतर की भरपाई करेगी। इसके अलावा, इन इकाइयों को पहले पांच वर्षों के लिए 25 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से पानी उपलब्ध कराया जाएगा, इसके बाद हर साल 3% की वृद्धि होगी।

सरकार द्वारा इन इकाइयों को भूमि संबंधित दस्तावेजों की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। भूमि आवंटन के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा, जो भू-आवंटन और अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों को सुगमता से क्रियान्वित करेगी।

5. औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन
इन सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य के औद्योगिक और कृषि विकास को प्रोत्साहन देना है। नीमच जिले की सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। वहीं, नर्मदापुरम जिले का पॉवर एवं रिन्युबल एनर्जी इक्यूपमेंट मेन्युफेक्चरिंग जोन राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

मुरैना में मेगा लेदर, फुटवेयर और एसेसरीज़ क्लस्टर से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न रियायतों और सुविधाओं से निवेशकों को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

मध्य प्रदेश सरकार के इन निर्णयों से राज्य के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में विकास की नई राहें खुलेंगी। इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से न केवल राज्य का आर्थिक विकास होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सरकार का यह कदम राज्य को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आने वाले समय में राज्य के विकास को गति देगा।

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