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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह में रचा इतिहास, डिजिटल डिग्री प्रदान करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बना

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2472

10 सितंबर 2024। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में अपने दीक्षांत समारोह का आयोजन किया, जिसमें राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी उपस्थित थे।



समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और उच्च शिक्षा के विभिन्न संकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। कला, वाणिज्य, शारीरिक शिक्षा, इंजीनियरिंग, गृह विज्ञान, जीव विज्ञान, विधि और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए पीएचडी उपाधियाँ भी मंच पर वितरित की गईं।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को इस दिशा में मार्गदर्शन करें, क्योंकि वे ही देश के भविष्य निर्माता हैं। छात्रों को सत्य बोलने और अपने माता-पिता एवं शिक्षकों का सम्मान करने की शपथ का पालन करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन में शांति और प्रगति लाएगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पात्र छात्रों को निःशुल्क डिग्री प्रदान करेगा। स्नातकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से आगे का जीवन एक नए अध्याय की शुरुआत है और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इतिहास में फैली भ्रांतियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत की खोज वास्को डी गामा ने नहीं, बल्कि चंदन नामक भारतीय व्यापारी ने की थी। इसी तरह, अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों ने की थी। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सही इतिहास को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने एक नई पहल की शुरुआत की, जिसके तहत विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट और डिग्री प्रदान की जाएगी। छात्रा तनु गुलाटी को डिजिटल डिग्री और अनुपमा कुजूर को पीएचडी की डिजिटल उपाधि प्रदान की गई। यह घोषणा की गई कि विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान है जो इस प्रकार की डिजिटल सुविधाएं प्रदान कर रहा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को पीएम उषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने पर भी बधाई दी।

समारोह ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है, जो आने वाले वर्षों में अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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