भोपाल: 10 सितंबर 2024। मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन की बढ़ती कीमतों के बीच चीनी लहसुन की आवक ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इंदौर, नीमच, मंदसौर, और शाजापुर समेत कई मंडियों में व्यापारियों और किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए लहसुन की बिक्री रोक दी है।
इंदौर: पिछले कुछ महीनों से प्रदेश की मंडियों में लहसुन की कीमतें 25 से 30 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं। इसी दौरान, राजस्थान की मंडियों से सस्ती चीनी लहसुन की आवक शुरू हो गई, जो 20 से 22 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। इससे प्रदेश के लहसुन व्यापारियों और किसानों को बड़ा नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि उन्होंने लहसुन का स्टॉक महंगे भाव में कर रखा है।
व्यापारियों को भारी नुकसान की आशंका
मंडी व्यापारियों का कहना है कि चीनी लहसुन की एंट्री से उन्हें प्रति क्विंटल 5000 से 7000 रुपये का नुकसान हो सकता है। किसानों का भी यही हाल है, जिन्हें अपनी उपज की कीमत गिरने का डर सता रहा है। विरोधस्वरूप, इंदौर और मालवा क्षेत्र की कई लहसुन मंडियों में व्यापारियों और किसानों ने लहसुन की बिक्री रोक दी, जिससे किसान भी अपना माल वापस ले जाने पर मजबूर हुए।
मध्य प्रदेश में चीनी लहसुन की घुसपैठ का आरोप
व्यापारी और किसान आरोप लगा रहे हैं कि चीनी लहसुन की आवक से उन्हें करोड़ों का नुकसान होगा, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मंडी प्रभारी संजय यादव के अनुसार, भारत में चीन से लहसुन के आयात पर पहले से ही प्रतिबंध है, परंतु चोरी-छिपे राजस्थान की मंडियों से यह लहसुन प्रदेश में लाया जा रहा है, जिसके कारण हड़ताल हो रही है।
उत्पादन में कमी और बढ़ती मांग
मध्य प्रदेश में लहसुन का उत्पादन 50 हजार बोरियों का है, जबकि राजस्थान में यह 30 हजार बोरियों तक सीमित है। हिमाचल प्रदेश और कश्मीर से आने वाली लहसुन की आपूर्ति भी धीरे-धीरे घट रही है। हालांकि, देश में लहसुन की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन पर्याप्त नहीं है, जिससे नेपाल के रास्ते से करीब 1.5 मिलियन टन लहसुन की आवक का आरोप लगाया जा रहा है। मंडी प्रशासन का कहना है कि यह लहसुन चोरी-छिपे लाया गया है, क्योंकि चीन से लहसुन के आयात पर पहले से प्रतिबंध लागू है।
चीनी लहसुन की आवक से मप्र की मंडियों में हंगामा, व्यापारियों और किसानों की हड़ताल
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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