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मध्य प्रदेश: बांस खेती में देश में नंबर वन

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 222

भोपाल: 19 सितंबर 2024। मध्य प्रदेश देश में बांस संसाधनों का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। भारतीय वन सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग 18,394 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बांस पाया जाता है, जो देश में सबसे अधिक है। राज्य सरकार द्वारा बांस खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें की जा रही हैं।

25090 हेक्टेयर में बांस का रोपण
देश में बांस क्षेत्र 15.0 मिलियन हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश में 1.84 मिलियन हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश में शुद्ध बांस क्षेत्र 847 वर्ग किलोमीटर, घना क्षेत्र 4046 वर्ग किलोमीटर, विरल क्षेत्र 8327 वर्ग किलोमीटर और पुन:उत्पादन 3245 वर्ग किलोमीटर में है, जो देश में सबसे ज्यादा है।
राज्य सरकार ने 25090 हेक्टेयर कृषि भूमि में बांस का रोपण कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस रोपण से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

बांस आधारित उद्योगों को बढ़ावा
बांस से बने उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी को देखते हुए, राज्य सरकार बांस आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे न केवल रोजगार के अवसर सृजित होंगे बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

किसानों को मिल रहा है अनुदान
बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। किसानों को बांस का पौधा लगाने पर 120 रुपये प्रति पौधा का अनुदान दिया जा रहा है। यह अनुदान तीन वर्षों में 50:30:20 के अनुपात में दिया जाता है।

बांस खेती के फायदे
पर्यावरण संरक्षण: बांस कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद मिलती है।
मृदा संरक्षण: बांस की जड़ें मिट्टी को बांधे रखती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव रुकता है।
आर्थिक लाभ: बांस से बने उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी के कारण बांस की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प बन गई है।

मध्य प्रदेश बांस खेती में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। राज्य सरकार द्वारा बांस खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

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