
23 सितंबर 2024: मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से बाजार से कर्ज लेने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने रिजर्व बैंक से 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बनाई है। यह कर्ज दो चरणों में लिया जाएगा, जिसमें से एक हिस्सा 12 साल और दूसरा हिस्सा 19 साल की अवधि के लिए होगा। इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार अभी तक 10 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से उठा चुकी है। प्रदेश सरकार पर अब तक करीबन पौने 4 लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है।
इस कर्ज के साथ मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज बोझ और भी अधिक बढ़ गया है। राज्य सरकार पहले ही कई अन्य कर्जों से दबाव झेल रही है। बढ़ते कर्ज बोझ के कारण राज्य सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा लाड़ली बहना योजना, बिजली और गैस सब्सिडी, कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर खर्च हो रहा है। इन सब्सिडी योजनाओं के कारण सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते कर्ज बोझ के कारण राज्य सरकार को भविष्य में अन्य आवश्यक सेवाओं पर खर्च कम करना पड़ सकता है। इसके अलावा, कर्ज पर ब्याज का भुगतान भी एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वे इस कर्ज को अपनी वित्तीय सीमाओं के भीतर ले रहे हैं और राज्य की वित्तीय स्थिति को नियंत्रण में रखने के प्रयास कर रहे हैं।
यह कर्ज मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और इसके परिणाम राज्य की अर्थव्यस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।