28 सितंबर 2024। अमेरिकी अरबपति निवेशक और परोपकारी जॉर्ज सॉरोस भारत में एक विवादास्पद व्यक्ति हैं। उनके वित्तीय हितों और राजनीतिक सक्रियता के कारण भारत में उनके प्रति विरोध और आलोचनाएं उठती रही हैं। उनकी ओपन सोसाइटी फाउंडेशंस ने भारत में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों और मीडिया आउटलेट्स को धन मुहैया कराया है, जिससे अक्सर देश के घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लगते हैं।
वित्तीय हित और निवेश
क्वांटम फंड: सॉरोस का क्वांटम फंड भारत में महत्वपूर्ण निवेश किया है, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी और दवा क्षेत्रों में। उनके फंड की गतिविधियों पर भारतीय नियामकों द्वारा कड़ी नजर रखी गई है।
रियल एस्टेट: सॉरोस ने भारत में रियल एस्टेट परियोजनाओं में भी निवेश किया है, जिसमें लक्ज़री आवासीय विकास शामिल हैं।
राजनीतिक सक्रियता और विवाद
एनजीओ का वित्त पोषण: सॉरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशंस ने भारत में मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर काम करने वाले कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को धन मुहैया कराया है। ये एनजीओ अक्सर भारतीय सरकार के आलोचक रहे हैं, जिससे विदेशी फंडिंग का उपयोग देश को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है, के आरोप लगते हैं।
मीडिया प्रभाव: सॉरोस ने भारत में मीडिया आउटलेट्स को भी वित्त पोषित किया है, जिसमें समाचार चैनल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शामिल हैं। आलोचकों का तर्क है कि इन मीडिया आउटलेट्स का उपयोग एक विशेष राजनीतिक एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए किया गया है, जो अक्सर विपक्षी दलों के साथ संरेखित होता है।
विदेशी हस्तक्षेप के आरोप: सॉरोस पर एनजीओ और मीडिया आउटलेट्स को वित्त पोषित करके भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है। कुछ ने यहां तक दावा किया है कि वह भारतीय सरकार को अस्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं।
भारतीय राजनीतिक दलों के साथ संबंध
विपक्षी दल: सॉरोस पर भारतीय विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस पार्टी के साथ घनिष्ठ संबंध रखने का आरोप लगाया गया है। आलोचकों का तर्क है कि एनजीओ और मीडिया आउटलेट्स का वित्त पोषण इन दलों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
सरकारी जांच: भारतीय सरकार सॉरोस की देश में गतिविधियों के प्रति आलोचनात्मक रही है। सरकार ने उन पर विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाया है और विदेशी स्रोतों से वित्त पोषित एनजीओ की गतिविधियों को विनियमित करने के कदम उठाए हैं।
विवादास्पद समाचार
मोदी सरकार की आलोचना: सॉरोस भारतीय सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के आलोचक रहे हैं। उनकी टिप्पणियों ने अक्सर विवाद खड़ा किया है और विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों को जन्म दिया है।
एनजीओ पर कार्रवाई: भारतीय सरकार ने विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले एनजीओ पर कार्रवाई करने के कदम उठाए हैं। इससे भारत में नागरिक समाज संगठनों के भविष्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने की संभावना के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
अंत में, जॉर्ज सॉरोस अपने वित्तीय हितों, राजनीतिक सक्रियता और कथित विपक्षी दलों के साथ संबंधों के कारण भारत में एक विवादास्पद व्यक्ति हैं। एनजीओ और मीडिया आउटलेट्स को वित्त पोषित करने से भारत के घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। जैसे-जैसे भारतीय सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रखती है, भारत में सॉरोस की भागीदारी का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।
जॉर्ज सोरोस और भारत: एक विवादास्पद संबंध
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1870
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