
1 अक्टूबर 2024। ग्वालियर में देश की पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौशाला बनकर तैयार है, जो जल्द ही शुभारंभ के लिए खोली जाएगी। इस गौशाला में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सहयोग से 2 हेक्टेयर भूमि पर बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट में 100 टन गोबर का इस्तेमाल करके प्रतिदिन 3 टन सीएनजी और 20 टन बेहतरीन जैविक खाद का उत्पादन किया जाएगा। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन न केवल इस प्लांट के संचालन में मदद करेगा, बल्कि इसके रखरखाव की भी जिम्मेदारी उठाएगा।
गौशाला का निर्माण इंडियन ऑयल की सामाजिक जिम्मेदारी निधि के तहत 32 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। भविष्य में विस्तार की संभावना को ध्यान में रखते हुए एक हेक्टेयर भूमि और आरक्षित की गई है। इसके अलावा, सांसद निधि से 2 करोड़ रुपये की राशि देकर 2 हजार गायों के लिए आधुनिक शेड का निर्माण भी किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके "वेस्ट टू वेल्थ" दृष्टिकोण के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने संत समुदाय की भी सराहना की जो गौमाता की सेवा में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार इस प्रयास के विस्तार के लिए पूरा सहयोग देगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा सीएनजी प्लांट शुरू किया गया था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था।
गौशाला और बायो सीएनजी प्लांट के लाभ
इस गौशाला में 10 हजार गायों की देखभाल ग्वालियर नगर निगम और संत समुदाय के सहयोग से की जाएगी। बायो सीएनजी प्लांट के साथ जल्द ही एक इंक्यूबेशन सेंटर भी शुरू होगा। प्लांट के संचालन के पहले दिन से ही 2-3 टन बायो सीएनजी और 20 टन उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद का उत्पादन होगा। इससे ग्वालियर नगर निगम को लगभग 7 करोड़ रुपये की आय होगी।
यह प्लांट कार्बन उत्सर्जन को कम करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। साथ ही, इस प्लांट के जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और गौशाला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगी। इसके अतिरिक्त, ग्वालियर के आसपास के क्षेत्रों में जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उचित मूल्य पर खाद मिल सकेगी।
ग्रीन ऊर्जा में मध्यप्रदेश की प्रगति
मध्यप्रदेश तेजी से स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बढ़ रहा है। केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश देश में बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के मामले में तीसरे स्थान पर है। राज्य में 104 बायो गैस संयंत्र संचालित हैं, जिनमें सबसे अधिक 24 बैतूल, 13 बालाघाट और 12 सिंगरौली में हैं। इस पहल से स्थानीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है और कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है।