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शिक्षक भर्ती का खुला रास्ता: सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट नाराज, दिए निर्देश

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Location: Bhopal                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 147

Bhopal: 16 अक्टूबर 2024। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वर्ष 2023 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को तुरंत जारी रखा जाए। यह निर्णय राज्य में शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर चल रही जटिलताओं के बीच आया है। आइए इस मामले की गहराई में जाते हैं।

हाईकोर्ट का आदेश
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन शामिल हैं, ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया के परिणाम अंतिम अपील के निर्णय पर निर्भर होंगे। कोर्ट ने 12 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तय की है।

सरकार की नाराजगी का कारण
हाईकोर्ट ने सरकार के उस रवैये पर नाराजगी व्यक्त की, जिसके तहत ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण को पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू किया गया। सरकार ने 2018 में हाईस्कूल शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की थी, और 2019 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के नियम बनाए। इसके तहत पहले अनारक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम अंक 60 निर्धारित किए गए थे, लेकिन बाद में इसे बदलकर 50 अंक कर दिया गया।

हालांकि, इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर कुछ नियुक्तियां की गईं, लेकिन कई पद अभी भी खाली हैं। इसके बाद, राज्य सरकार ने 2023 में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की, जिसे ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट की एकलपीठ का फैसला
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने स्पष्ट आदेश दिया था कि पहले 2018 के रिक्त पदों को भरा जाए और उसके बाद 2023 की भर्ती प्रक्रिया को लागू किया जाए। इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की थी। पहले भी, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 2023 की भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश दिया था।

सरकार की स्थिति
सुनवाई के दौरान, कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया है। सरकार ने दलील दी कि पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर रोक लगा दी थी।

इस स्थिति में हाईकोर्ट का निर्णय एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुचारु रूप से जारी रखने की अनुमति देगा। इससे अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है कि उनके भविष्य की संभावनाएं अब खुल रही हैं। आगामी सुनवाई में कोर्ट की ओर से और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, जो इस मामले को हल करने में मदद करेगी।

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