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एनटीपीसी और भारतीय सेना का ग्रीन हाइड्रोजन से चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति के लिए ऐतिहासिक समझौता

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 425

25 अक्टूबर 2024। एनटीपीसी और भारतीय सेना ने चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एनटीपीसी ने लद्दाख के चुशुल में सोलर हाइड्रोजन-आधारित माइक्रोग्रिड स्थापित करने के लिए भारतीय सेना के साथ समझौता किया है, जो ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करके स्थायी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना का उद्घाटन माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय और एनटीपीसी के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया।

यह उन्नत माइक्रोग्रिड प्रणाली हाइड्रोजन को ऊर्जा भंडारण माध्यम के रूप में इस्तेमाल करते हुए पूरे साल चौबीसों घंटे 200 किलोवाट की स्थिर बिजली आपूर्ति करेगी, जिससे इन दुर्गम स्थानों पर इस्तेमाल हो रहे डीजल जेनरेटर की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। लद्दाख के कड़े मौसम में जहां तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, इस प्रणाली से सैनिकों को निरंतर और स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी। एनटीपीसी इस परियोजना का रखरखाव 25 वर्षों तक करेगा।

सोलर-हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड का यह प्रयोग न केवल कम कार्बन उत्सर्जन करेगा बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के एक सतत पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा देगा। इसकी ऊर्जा भंडारण क्षमता, बैटरी स्टोरेज और हाइड्रोजन तकनीक का संयोजन, चुनौतीपूर्ण जलवायु परिस्थितियों में भी एक स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इस प्रकार की परियोजनाएं दूरदराज के क्षेत्रों में स्वावलंबन को भी प्रोत्साहित करती हैं, जो सड़क संपर्क बाधित होने पर ऊर्जा निर्भरता को कम करेगी।

इसके साथ ही, एनटीपीसी ने लद्दाख में हाइड्रोजन बस का परीक्षण भी शुरू किया है, जिसमें पांच फ्यूल सेल बसें, हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन और सौर संयंत्र का उपयोग किया जा रहा है। एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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