
28 अक्टूबर 2024। भारत सरकार ने देश को एक वैश्विक ई-मोबिलिटी हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने महा-ईवी मिशन के तहत एक हितधारक बैठक आयोजित की, जिसमें देश के प्रमुख शोधकर्ता, उद्योग जगत के नेता और विशेषज्ञ एक साथ आए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ई-मोबिलिटी के विभिन्न पहलुओं पर सहयोगात्मक प्रयासों पर चर्चा करना और भारत को ईवी प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक नेता बनाना था।
महा-ईवी मिशन के उद्देश्य:
ईवी बैटरी प्रौद्योगिकी में भारत की विशेषज्ञता को बढ़ावा देना।
पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनों और ड्राइव में अनुसंधान एवं विकास को मजबूत करना।
चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार करना।
राष्ट्रीय प्राथमिकता के क्षेत्र में तेजी से ट्रांसलेशनल अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी सफलताओं को ट्रैक करना और वैश्विक प्रभाव लाना।
हितधारकों की भागीदारी:
इस बैठक में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अकादमिक, सरकारी एजेंसियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने महा-ईवी मिशन के तहत वर्तमान कॉल के लिए अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने की तैयारी के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की।
डीएसटी के प्रयास:
डीएसटी ने ई-मोबिलिटी पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित किया था, जिसके बाद पीएसए कार्यालय द्वारा ई-मोबिलिटी आर एंड डी रोडमैप जारी किया गया था। इसके साथ ही, डीएसटी ने उष्णकटिबंधीय ईवी बैटरी, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन और ड्राइव और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर तीन विषयगत आर एंड डी रोडमैप भी जारी किए हैं।
भविष्य की दिशा:
महा-ईवी पहल, वैश्विक ईवी क्षेत्र में भारत की स्थिति को ऊंचा करने और प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान करने की आकांक्षा रखती है। इस मिशन के माध्यम से, भारत एक स्वच्छ और स्थायी भविष्य की दिशा में अग्रसर होगा।