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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के प्रमुख निर्णय: महिला आरक्षण, उर्वरक विक्रय केंद्र, और स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार पर फोकस

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 702

भोपाल: 5 नवंबर 2024। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में महिला सशक्तिकरण, कृषि अवसंरचना में सुधार, और चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए।

सिविल सेवाओं में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम, 1997 में संशोधन की पुष्टि की, जो मुख्यमंत्री द्वारा 13 सितंबर, 2023 को जारी आदेश के अंतर्गत आता है। इसके तहत सिविल सेवाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाकर 35% कर दिया गया है, जिससे महिलाओं की शासन में भागीदारी को मजबूती मिलेगी।

254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रों की स्थापना
कृषि विकास को ध्यान में रखते हुए, मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2024-25 (खरीफ और रबी सीजन) के लिए राज्य में 254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी है। इन केंद्रों पर मानव संसाधन के अनुमानित खर्च के लिए अधिकतम ₹1.72 करोड़ की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी, जिससे किसानों को उर्वरक की उपलब्धता में सुविधा मिलेगी।

पुराने पावर यूनिट्स की सेवानिवृत्ति और 660 मेगावॉट की नई अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना
अवसंरचना में सुधार के तहत मंत्रि-परिषद ने सारनी स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के पुराने यूनिट्स (यूनिट 6 से 9) को डी-कमीशन करने की स्वीकृति दी। इन यूनिट्स की कुल क्षमता 830 मेगावॉट है और ये पिछले 39-44 वर्षों से कार्यरत हैं। 30 सितंबर, 2024 तक इन इकाइयों को डी-कमीशन किया जाएगा, और ई-ऑक्शन के माध्यम से उनका निपटारा किया जाएगा। इनकी जगह म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एक नई 660 मेगावॉट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई (यूनिट 13) की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी कराएगी, जिससे भविष्य में अधिक सक्षम और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित होगा।

मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसरों की भर्ती की आयु सीमा में वृद्धि
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए, मंत्रि-परिषद ने सहायक प्राध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष करने का निर्णय लिया है। इस कदम से अधिक अनुभवी चिकित्सा शिक्षकों को शामिल किया जा सकेगा, जिससे राज्य की चिकित्सा शिक्षा को मजबूती मिलेगी।

सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रम और काउंसिल पुनर्गठन
राष्ट्रीय आयोग के अंतर्गत आने वाले विनियमों के अधीन रहते हुए, मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 के अंतर्गत सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रमों के छात्रों का पंजीयन, प्रमाणन, और परीक्षा के लिए वर्तमान व्यवस्था को जारी रखने की अनुमति दी है। राष्ट्रीय आयोग के विनियम लागू होने पर मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद स्वतः समाप्त हो जाएगी।

अन्य प्रमुख निर्णय
सहकारी संस्थाओं का कम्प्यूटरीकरण: सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित "IT Interventions के माध्यम से सहकारी संस्थाओं की मजबूती" परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर ₹3.68 करोड़ का खर्च आएगा, जिसमें 60% खर्च केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार वहन करेगी। यह परियोजना सहकारी संस्थाओं के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और उनकी दक्षता बढ़ाने में सहायक होगी।




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