
9 नवंबर 2024। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने प्रदेश में अधोसंरचना विकास लागत की वसूली के लिए विभागों को लैंड पूलिंग सिस्टम अपनाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश भोपाल सहित सभी शहरों के मास्टर प्लान को समय पर पूरा करने के लिए शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में दिए गए, जिसमें मास्टर प्लान, लैंड पूलिंग सिस्टम और सिंहस्थ की तैयारियों पर चर्चा हुई।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि भोपाल का नया मास्टर प्लान लगभग तैयार है, और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अगले एक महीने में इसका ड्राफ्ट प्रकाशित होने की उम्मीद है। यह नया ड्राफ्ट पिछले मसौदे के स्थान पर लाया जा रहा है, जिसे कुछ मंत्रियों की आपत्तियों के कारण रद्द कर दिया गया था।
मुख्य सचिव जैन ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि अधोसंरचना विकास के खर्च की भरपाई के लिए लैंड पूलिंग सिस्टम उपयोगी साबित होगा, क्योंकि इससे भूमि अधिग्रहण की जटिल प्रक्रिया से बचा जा सकेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव सभी मास्टर प्लान कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर बल दे रहे हैं ताकि योजनाओं का उचित क्रियान्वयन हो सके।
भोपाल मास्टर प्लान का नया ड्राफ्ट जारी होने के बाद, सुझाव और आपत्तियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिसके बाद अंतिम अनुमोदन के लिए इसे सरकार के पास भेजा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, ड्राफ्ट के प्रकाशित होने में सात से आठ महीने का समय लग सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मास्टर प्लान पर अंतिम निर्णय से पहले, एक और बैठक आयोजित होगी, जिसमें लोक निर्माण विभाग, उद्योग विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भाग लेंगे। लैंड पूलिंग सिस्टम को टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) के समान माना जा रहा है, जो निजी भूमि मालिकों से भूमि प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। इस प्रणाली के तहत, भूमि के पुनर्विकास के बाद 50% विकसित भूमि मालिकों को लौटाई जाएगी, 5% भूमि खुले स्थानों और 5% सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित की जाएगी, जबकि 20% भूमि को बुनियादी ढांचे के खर्च की भरपाई के लिए बेचा जाएगा।