भोपाल: 12 नवंबर 2024। मध्य प्रदेश पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी मुहिम को लगातार मजबूत कर रही है। हाल ही में, भोपाल के अरेरा कॉलोनी में हुई एक घटना ने प्रदेश पुलिस की सतर्कता और दक्षता को एक बार फिर साबित किया है। इस घटना में, देश की संभवत: पहली बार एक साइबर अपराधी को 'लाइव डिजिटली अरेस्ट' किया गया।
यह घटना एक परिवार के साथ हुई थी, जब वे एक ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले थे। समय रहते मध्य प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ित परिवार की करोड़ों की संपत्ति लूटने से बच गई। यह घटना न केवल प्रदेश पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे नागरिकों की जागरूकता और पुलिस का सहयोग मिलकर साइबर अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सायबर अपराध को रोकने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस अत्यंत दक्षता के साथ कार्यरत है। भोपाल के अरेरा कॉलोनी में "लाइव डिजिटली अरेस्ट" दुनिया की संभवत: पहली घटना है, लेकिन प्रसन्नता का विषय है कि हमारे नागरिकों की जागरूकता और मध्यप्रदेश पुलिस की तत्परता से पीड़ित परिवार की करोड़ों की? pic.twitter.com/mWVNxOHb8U
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 12, 2024
साइबर सुरक्षा के लिए पुलिस की पहल
इस घटना के बाद, मध्य प्रदेश पुलिस ने साइबर सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इनमें शामिल हैं:
हर जिले में साइबर थाने: प्रदेश के हर जिले में साइबर थाने स्थापित किए जाएंगे ताकि साइबर अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम किया जा सके।
प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क: प्रत्येक थाने में एक साइबर डेस्क स्थापित की जाएगी ताकि लोग साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकें।
सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को सुदृढ़ बनाना: साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा ताकि लोगों को साइबर अपराधों से संबंधित जानकारी और मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर पुलिस बल को बधाई दी है और कहा कि राज्य सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस बल लगातार नई तकनीकों को अपनाकर साइबर अपराधियों पर नकेल कसने में जुटी है।
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इन पहलों से प्रदेश में साइबर अपराधों में कमी आएगी और नागरिकों को अधिक सुरक्षित महसूस होगा।