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जनजातीय गौरव दिवस: इतिहास के अन्याय को सुधारने की दिशा में कदम - प्रधानमंत्री मोदी

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1823

भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान और जनजातीय समाज की संस्कृति को मिला सम्मान

भोपाल 15 नवंबर 2024। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का आह्वान करते हुए इसे इतिहास के एक बड़े अन्याय को सुधारने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जनजातीय समाज के योगदान को वह स्थान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे।

प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों का वर्चुअल लोकार्पण किया और 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें जनजातीय बच्चों के लिए स्कूल और हॉस्टल, महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों का निर्माण, और डेढ़ लाख परिवारों को पक्के घरों के स्वीकृति पत्र शामिल हैं। उन्होंने देव दीपावली के अवसर पर 11,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को नए घरों में प्रवेश करने का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज को अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ खड़ा किया और अपने जीवन का बलिदान दिया। उनके संघर्ष और योगदान को राष्ट्र की स्मृतियों में संरक्षित करने के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाएगा।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संदेश
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि जनजातीय कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें सिकल सेल उन्मूलन मिशन भी शामिल है। अब तक 82 लाख लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा के लिए यह प्रयास जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल, जंगल और जमीन को जनजातीय समाज का मूल अधिकार बताते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने इन अधिकारों की रक्षा और धर्मांतरण के प्रयासों को रोकने के लिए संघर्ष किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में जनजातीय गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें संग्रहालयों का निर्माण और विश्वविद्यालयों का नामकरण शामिल है।

विकास कार्यों का भूमिपूजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम
राज्यस्तरीय समारोह में 229.66 करोड़ रुपये की लागत से 76 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में पारंपरिक नृत्य, जैसे गुटुम्ब और करमा, प्रमुख आकर्षण रहे। इस अवसर पर महिला बाल विकास, वन, शिक्षा, और अन्य विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के प्रतिनिधि, अधिकारी, और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। विधायक मनीषा सिंह ने समापन पर सभी का आभार व्यक्त किया।

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