16 नवंबर 2024। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर डिजिटल मीडिया की जवाबदेही सुनिश्चित करने और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर अंकुश लगाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में कहा कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपने एल्गोरिदम और कंटेंट पॉलिसी में बदलाव करना होगा ताकि यह समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाले।
भ्रामक सूचनाओं का खतरा
श्री वैष्णव ने भ्रामक समाचारों और गलत जानकारी को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि "सेफ हार्बर" प्रणाली, जो प्लेटफॉर्म्स को उनकी सामग्री के लिए कानूनी जिम्मेदारी से बचाती है, अब बदलते समय में अप्रासंगिक हो चुकी है। उन्होंने डिजिटल प्लेटफार्म्स से आग्रह किया कि वे भारत जैसे विविध समाज में सामाजिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दें।
पारंपरिक मीडिया को समर्थन और एल्गोरिदम सुधार की जरूरत
डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच पारंपरिक मीडिया को वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पारंपरिक कंटेंट क्रिएटर्स को उनके प्रयासों के लिए उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को ऐसे एल्गोरिदम तैयार करने चाहिए जो सामाजिक एकता को प्राथमिकता दें और विभाजनकारी कंटेंट को हतोत्साहित करें।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बौद्धिक संपदा अधिकार
एआई टेक्नोलॉजी के विकास से संबंधित नैतिक और आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए श्री वैष्णव ने रचनाकारों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा की अपील की। उन्होंने कहा कि एआई मॉडल जिन डेटा पर आधारित हैं, उसमें योगदान देने वाले रचनाकारों को पहचान और मुआवजा मिलना चाहिए।
Four challenges we face today;
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) November 16, 2024
1. Fake news & disinformation
2. Fair compensation by platforms
3. Algorithmic bias
4. Impact of AI on Intellectual Property pic.twitter.com/TWoYZEUQD2
सरकार और मीडिया की भूमिका
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने भ्रामक समाचारों को "वायरस से भी तेज़" बताते हुए इस समस्या से निपटने के लिए सख्त नियमों और जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने झूठी खबरों के खिलाफ तथ्य जांच इकाई स्थापित कर मजबूत कदम उठाए हैं।
भारतीय प्रेस परिषद की पहल
भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने डिजिटल युग में सटीक और नैतिक पत्रकारिता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परिषद ने पत्रकारिता की सच्चाई बनाए रखने और नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
सामाजिक बदलाव में मीडिया की भूमिका
श्री वैष्णव ने अपने संबोधन के अंत में मीडिया को लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बताते हुए सभी हितधारकों से सहयोग और नैतिकता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने 2047 तक एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण में मीडिया की भूमिका को अहम बताया।