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भारत का वैश्विक नवाचार में बढ़ता प्रभाव: डब्ल्यूआईपीओ की 2024 रिपोर्ट का विश्लेषण

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 421

बौद्धिक संपदा क्षेत्र में भारत की प्रगति
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) की 2024 रिपोर्ट ने भारत को बौद्धिक संपदा (IP) के वैश्विक परिदृश्य में एक उभरते सितारे के रूप में रेखांकित किया है। भारत ने पेटेंट, ट्रेडमार्क, और औद्योगिक डिज़ाइन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए शीर्ष 10 देशों में अपनी जगह बनाई है।

प्रमुख उपलब्धियां:

पेटेंट फाइलिंग
भारत ने 2023 में 64,480 पेटेंट फाइलिंग के साथ वैश्विक रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया।
पेटेंट फाइलिंग में 15.7% की वृद्धि दर्ज की, जो लगातार पाँच वर्षों से दो अंकों की वृद्धि दर्शाती है।
पहली बार, भारत के 55.2% पेटेंट आवेदन निवासियों द्वारा किए गए, जो घरेलू नवाचार क्षमता को दर्शाता है।
पेटेंट-से-जीडीपी अनुपात 2013 के 144 से बढ़कर 2023 में 381 हो गया, जो नवाचार के बढ़ते आर्थिक प्रभाव का प्रतीक है।

औद्योगिक डिज़ाइन:
2023 में औद्योगिक डिज़ाइन आवेदनों में 36.4% की वृद्धि हुई।
डिज़ाइन नवाचार मुख्य रूप से कपड़ा, ऑटोमोबाइल, और उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्रों में केंद्रित रहा।
यह वृद्धि भारत को डिज़ाइन-प्रेरित विनिर्माण में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर करती है।

ट्रेडमार्क:
6.1% की वृद्धि के साथ, भारत 2023 में ट्रेडमार्क फाइलिंग में वैश्विक चौथे स्थान पर रहा।
90% ट्रेडमार्क फाइलिंग भारतीय निवासियों द्वारा की गई, जो ब्रांड संरक्षण में घरेलू जागरूकता को दर्शाता है।
सक्रिय ट्रेडमार्क पंजीकरण की संख्या 32 लाख तक पहुंची, जिससे भारत वैश्विक ब्रांड संरक्षण में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया।

सरकारी पहलों का प्रभाव:
राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा नीति, आत्मनिर्भर भारत और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं ने नवाचार-अनुकूल वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल इनोवेशन मिशन: 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स और 3,500 स्टार्टअप इनक्यूबेशन के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा दिया।
डिजिटलाइजेशन: आईपी कार्यालयों के आधुनिकीकरण ने प्रक्रियाओं को तेज किया और फाइलिंग को सरल बनाया।

भारत की वैश्विक स्थिति:
भारत के आईपी फाइलिंग की वृद्धि वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों में नवाचार को बढ़ावा देती है। पेटेंट और डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में इसकी प्रगति इसे चीन और अमेरिका जैसे देशों की प्रतिस्पर्धा में खड़ा करती है।

भविष्य की दिशा:
जैसे-जैसे भारत अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाता है, यह वैश्विक आईपी परिदृश्य में एक स्थायी ताकत बनता जा रहा है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवाचार की बढ़ती मांग भारत को वैश्विक नवाचार हब के रूप में स्थापित करने की ओर ले जा रही है।

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