
18 नवंबर 2024। साइबर अपराधियों ने अब सरकारी योजनाओं के नाम पर एपीके (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) फाइलें भेजकर धोखाधड़ी करने का नया तरीका अपनाया है। ये फाइलें खासतौर पर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बना रही हैं। अपराधी इन फाइलों को वाट्सएप ग्रुप्स पर पोस्ट करते हैं, जिनमें अक्सर उच्च प्रशासनिक अधिकारी, आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल होते हैं।
कैसे फंस रहे हैं अधिकारी?
एपीके फाइलें सरकारी योजनाओं जैसे 'पीएम विकास योजना' के नाम पर भेजी जाती हैं। अधिकारी इन्हें बिना ज्यादा जांचे-परखे अपने मोबाइल पर डाउनलोड और इंस्टॉल कर लेते हैं। एक बार फाइल इंस्टॉल हो जाने के बाद, ये अपराधी मोबाइल का नियंत्रण हासिल कर लेते हैं। इससे वे संवेदनशील जानकारी चुरा लेते हैं और बैंक खातों तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं।
ग्वालियर में कई मामले सामने आए
ग्वालियर में पांच प्रशासनिक अधिकारियों को इस तरीके से निशाना बनाया गया। भितरवार के तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान के मोबाइल हैक होने के बाद उनके खाते से ₹65,000 निकाल लिए गए। यही नहीं, उनके मोबाइल से वही एपीके फाइल अन्य ग्रुप्स में पोस्ट की गई, जिससे अन्य अधिकारी भी धोखाधड़ी का शिकार हो गए।
घाटीगांव तहसीलदार दिनेश चौरसिया का मोबाइल हैक हुआ।
बहोड़ापुर तहसीलदार सतेंद्र तोमर और कई अन्य अधिकारियों के मोबाइल भी प्रभावित हुए।
भितरवार के नायब तहसीलदार धीरज परिहार और राजस्व निरीक्षक मुरार हरनाम सिंह भी साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए।
एपीके फाइल से कैसे होती है ठगी?
फाइल इंस्टॉल होते ही: एपीके फाइल डाउनलोड और इंस्टॉल होने के बाद फोन का पूरा नियंत्रण हैकर्स को मिल जाता है।
अनुचित एक्सेस: ये फाइलें फोन के कॉन्टैक्ट, लोकेशन, कैमरा, माइक्रोफोन, एसएमएस, ईमेल, और गैलरी तक पहुंच मांगती हैं।
बैंक अकाउंट की चोरी: अपराधी गोपनीय जानकारी चुराकर बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।
कैसे बचें इस ठगी से?
ऐसी फाइलें डाउनलोड न करें: अगर किसी ग्रुप में सरकारी योजना, बैंक या आधार अपडेट के नाम पर कोई एपीके फाइल आती है, तो उसे भूलकर भी डाउनलोड न करें।
लिंक पर क्लिक न करें: अनजान लिंक से दूर रहें।
व्हाट्सएप सेटिंग बदलें: मीडिया आटो-डाउनलोड फीचर को बंद रखें।
फाइल की जांच करें: फर्जी एपीके फाइल का कोई आइकन या स्पष्ट पहचान नहीं होती, इन्हें ढूंढकर अन-इंस्टॉल करना मुश्किल हो सकता है।
सावधानी ही सुरक्षा है
साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें। अज्ञात स्रोतों से मिली फाइलें और लिंक अनदेखा करें। अपने मोबाइल पर किसी भी अनधिकृत एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने से पहले पूरी जांच करें।