2025 तक यूरोप के 10 देश संकट में, गिरावट की कगार पर?

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 1712

23 फरवरी 2025। यूरोप के कई प्रमुख देश राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और सामाजिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली सहित 10 देश गंभीर संकट में पड़ सकते हैं।

1. फ्रांस: आर्थिक सुस्ती और सामाजिक अशांति
फ्रांस में महंगाई, बेरोजगारी और सरकार की नीतियों को लेकर गहरा असंतोष है। "येलो वेस्ट" आंदोलन के बाद से प्रदर्शन और हड़तालें तेज हुई हैं। बढ़ता कर्ज और राजनीतिक ध्रुवीकरण सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं।

2. जर्मनी: ऊर्जा संकट और जनसंख्या गिरावट
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा आपूर्ति बाधित हुई है, जिससे उद्योगों पर दबाव बढ़ रहा है। वहीं, बूढ़ी होती आबादी और घटती कार्यशक्ति अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकती है।

3. स्पेन: अलगाववाद और आर्थिक कमजोरी
कैटेलोनिया और बास्क क्षेत्र में अलगाववादी आंदोलन तेज हो सकते हैं। पर्यटन और निर्माण क्षेत्र पर निर्भर स्पेन की अर्थव्यवस्था पहले ही धीमी गति से चल रही है।

4. पोलैंड: लोकतंत्र पर संकट और यूरोपीय संघ से तनाव
सरकार पर मीडिया और न्यायपालिका को नियंत्रित करने के आरोप लग रहे हैं। ईयू से मतभेद बढ़ रहे हैं, जिससे वित्तीय सहायता में कटौती हो सकती है।

5. सर्बिया: राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक ठहराव
सर्बिया में राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर वुचिच के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कोसोवो को लेकर तनाव देश को अस्थिर कर सकता है।

6. हंगरी: तानाशाही शासन और आर्थिक संकट
प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान पर लोकतंत्र कमजोर करने के आरोप हैं। ईयू ने हंगरी की फंडिंग रोक दी है, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।

7. इटली: कर्ज का संकट और राजनीतिक अस्थिरता
इटली पर जीडीपी का 145% कर्ज है। कमजोर बैंकिंग प्रणाली और सरकार की बार-बार बदलाव की प्रवृत्ति संकट को गहरा कर रही है।

8. ग्रीस: कर्ज और प्रवासी संकट
2008 के आर्थिक संकट से उबरने में असफल ग्रीस को बढ़ते प्रवासी संकट और बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है।

9. बोस्निया और हर्जेगोविना: जातीय तनाव और भ्रष्टाचार
जातीय विभाजन और कमजोर प्रशासन देश को विकास से दूर रख रहे हैं। यहां अलगाववादी गतिविधियां बढ़ रही हैं।

10. मोल्डोवा: पूर्व और पश्चिम के बीच फंसा देश
रूस और यूरोपीय संघ के बीच झूलता मोल्डोवा आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर बना हुआ है। यहां से भारी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं।

विशेष: यूक्रेन का संकट
रूस-यूक्रेन युद्ध ने देश को बर्बादी की कगार पर ला दिया है। बढ़ती हिंसा और अर्थव्यवस्था का पतन यूक्रेन के भविष्य को अंधकारमय बना रहा है।

यूरोप के ये 10 देश राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहे हैं। अगर इन मुद्दों को जल्द हल नहीं किया गया, तो 2025 तक इनमें बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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