22 दिसंबर 2024। डिजिटल युग में मीडिया की भूमिका में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। जहां एक ओर प्रिंट मीडिया अपनी पुरानी परंपराओं और सीमाओं में बंधा हुआ है, वहीं डिजिटल मीडिया ने अपनी व्यापकता, त्वरितता और बहुआयामी दृष्टिकोण से सूचना के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है।
डिजिटल मीडिया ने पत्रकारिता और समाचार प्रसारण के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। लेकिन जो लोग पुराने प्रिंट मीडिया में रहकर खुद को तकनीकी रूप से अपडेट नहीं कर पाए, वे आज इस बदलाव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
तकनीकी बदलाव को अपनाने में असमर्थता
पुराने प्रिंट मीडिया के कई पेशेवर डिजिटल युग में आवश्यक तकनीकी कौशल सीखने में असफल रहे। वे अब इस बदलाव को चुनौती मानते हैं और इसे "पत्रकारिता की गुणवत्ता में गिरावट" के रूप में पेश करते हैं।
डिजिटल मीडिया का प्रभाव
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने तेजी से खबरें पहुंचाने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का रास्ता खोला है। लेकिन पुराने मीडिया से जुड़े लोग, जो इस बदलाव के साथ नहीं चल सके, इसे एक खतरे के रूप में देखते हैं।
आलोचना का वास्तविक कारण
आलोचना का मुख्य कारण यह है कि डिजिटल मीडिया ने पारंपरिक मीडिया के वर्चस्व को तोड़ दिया है। जिन लोगों ने तकनीकी शिक्षा और डिजिटल उपकरणों का उपयोग नहीं सीखा, वे अब पीछे छूट गए हैं।
डिजिटल मीडिया के फायदे अनदेखे करना
डिजिटल मीडिया ने पारदर्शिता, डेटा आधारित रिपोर्टिंग, और रियल-टाइम अपडेट्स को बढ़ावा दिया है। लेकिन जो इस बदलाव का हिस्सा नहीं बन सके, वे इसके फायदों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
समाधान की आवश्यकता
पुराने प्रिंट मीडिया के पेशेवरों को चाहिए कि वे आलोचना करने के बजाय खुद को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएं। डिजिटल युग में टिके रहने के लिए सीखने और बदलने की प्रक्रिया को अपनाना ही एकमात्र रास्ता है।
तकनीकी बदलाव का विरोध करने के बजाय, इसे अपनाने और समझने की कोशिश करनी चाहिए। जो लोग इस बदलाव को स्वीकार करेंगे, वे ही भविष्य की पत्रकारिता में अपनी जगह बना पाएंगे।
आज डिजिटल मीडिया के लाभ सभी उठा रहें हैं सभी पुराने प्रिंट मीडिया आपनें अखबार हो या टीवी सब अपना प्रचार डिजिटल मीडिया पर ही कर रहें हैं। वहीं अब डिजिटल मीडिया ने व्यूअरशिप, निवेश, और राजस्व के मामले में सभी अन्य मीडिया माध्यमों को पीछे छोड़ दिया है। यह न केवल वर्तमान का बल्कि भविष्य का भी सबसे प्रभावशाली और लाभदायक माध्यम बन चुका है।
डिजिटल मीडिया ने प्रिंट मीडिया को कैसे पीछे छोड़ दिया: आंकड़े और संदर्भ
दुनिया भर में मीडिया परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है, जहां डिजिटल मीडिया ने उपभोग और विज्ञापन राजस्व दोनों में प्रिंट मीडिया को पीछे छोड़ दिया है। इसे दर्शाने वाले मुख्य आंकड़े और संदर्भ निम्नलिखित हैं:
विज्ञापन राजस्व के रुझान
वैश्विक विज्ञापन राजस्व:2024 में वैश्विक विज्ञापन उद्योग का राजस्व पहली बार $1 ट्रिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें डिजिटल विज्ञापन 2025 तक कुल का 73% हिस्सा होगा।
(investors.com)
प्रिंट विज्ञापन में गिरावट
2023 में प्रिंट मीडिया के लिए वैश्विक विज्ञापन राजस्व $47.2 बिलियन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.7% की गिरावट को दर्शाता है।
(forbes.com)
अमेरिका का परिदृश्य
अमेरिका में 2020 में बी2बी ट्रेड मैगजीन में डिजिटल विज्ञापन राजस्व ने प्रिंट विज्ञापन राजस्व को पार कर लिया। 2023 तक, इस क्षेत्र में डिजिटल विज्ञापन खर्च $2.3 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो प्रिंट के $1.15 बिलियन का लगभग दोगुना है।
(marketingcharts.com)
उपभोग के पैटर्न
अमेरिका में समाचार उपभोग:2018 में, सोशल मीडिया ने प्रिंट समाचार पत्रों को पीछे छोड़ दिया, जहां 20% अमेरिकी वयस्क अक्सर सोशल मीडिया से समाचार प्राप्त करते थे, जबकि 16% प्रिंट समाचार पत्रों से।
(pewresearch.org)
डिजिटल समाचार में वृद्धि
डिजिटल विज्ञापन राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2020 में $161 बिलियन से बढ़कर 2022 में $245 बिलियन तक पहुंच गया।
(pewresearch.org)
बाजार पूर्वानुमान
प्रिंट समाचार पत्र और पत्रिकाएँ:2024 में वैश्विक प्रिंट समाचार पत्र और पत्रिका बाजार का राजस्व $111.60 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह -2.99% की वार्षिक गिरावट दर (CAGR) के साथ 2029 तक $95.86 बिलियन तक सिमट सकता है।
(statista.com)
प्रिंट विज्ञापन बाजार:
2024 में वैश्विक प्रिंट विज्ञापन बाजार में विज्ञापन खर्च $34.28 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। यह -4.06% की वार्षिक गिरावट दर के साथ 2029 तक $27.86 बिलियन तक घट सकता है।
(statista.com)
ये आंकड़े दिखाते हैं कि उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव और विज्ञापन उद्योग में डिजिटल प्लेटफार्मों के बढ़ते प्रभुत्व के कारण दुनिया भर में डिजिटल मीडिया ने प्रिंट मीडिया को तेजी से पीछे छोड़ दिया है।
डिजिटल मीडिया की ताकत उसकी त्वरित और व्यापक पहुंच
डिजिटल मीडिया की सबसे बड़ी ताकत उसकी त्वरितता है। जहां प्रिंट मीडिया को समाचार प्रकाशित करने और वितरित करने में घंटों या दिनों का समय लगता है, वहीं डिजिटल मीडिया मात्र कुछ सेकंड में खबरों को वैश्विक स्तर पर पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर और फेसबुक पर खबरें तुरंत साझा की जा सकती हैं।
इंटरएक्टिविटी और सहभागिता
डिजिटल मीडिया उपयोगकर्ताओं को न केवल खबरें पढ़ने बल्कि उन पर प्रतिक्रिया देने, साझा करने और चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है। यह दोतरफा संवाद प्रिंट मीडिया में संभव नहीं है। उदाहरण के लिए, यूट्यूब पर वीडियो पर कमेंट्स और लाइव चैट दर्शकों को सीधे कंटेंट क्रिएटर से जोड़ता है।
बहुमाध्यमीय सामग्री
डिजिटल मीडिया केवल टेक्स्ट तक सीमित नहीं है। यह वीडियो, ऑडियो, इन्फोग्राफिक्स और अन्य मल्टीमीडिया प्रारूपों के माध्यम से जानकारी को रोचक और प्रभावी बनाता है। उदाहरण के लिए, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी डिजिटल मीडिया कंपनियां इंटरेक्टिव ग्राफिक्स और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन का उपयोग करती हैं।
पर्यावरण संरक्षण
डिजिटल मीडिया कागज की खपत को कम करता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रिंट मीडिया में हर दिन हजारों टन कागज का उपयोग होता है, जो वनों की कटाई और प्रदूषण को बढ़ावा देता है।
लागत प्रभावी
डिजिटल मीडिया का उपयोग प्रिंट मीडिया की तुलना में अधिक सस्ता है। इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से उपयोगकर्ता मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर अनगिनत स्रोतों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सभी मीडिया का आधार
आज हर प्रकार का मीडिया, चाहे वह प्रिंट हो, टेलीविजन हो, या रेडियो, डिजिटल मीडिया पर निर्भर है। समाचार पत्रों के ई-पेपर संस्करण, टीवी चैनलों के लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, और रेडियो के पॉडकास्ट डिजिटल माध्यम के बिना संभव नहीं हैं। उदाहरण के लिए, टाइम्स ऑफ इंडिया का ई-पेपर और दूरदर्शन का यूट्यूब चैनल इसकी मिसाल हैं।
प्रिंट मीडिया की खामियां
सीमित पहुंच
प्रिंट मीडिया की भौगोलिक पहुंच सीमित होती है। अखबार या पत्रिकाएं केवल उन क्षेत्रों में उपलब्ध होती हैं, जहां उनकी डिलीवरी संभव है। वहीं, डिजिटल मीडिया दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से पहुंच सकता है।
धीमी गति
प्रिंट मीडिया में खबरें प्रकाशित होने और पाठकों तक पहुंचने में काफी समय लगता है। डिजिटल मीडिया के मुकाबले यह प्रक्रिया धीमी और अप्रभावी है।
अपडेट की कमी
एक बार प्रिंट में प्रकाशित खबरें अपडेट नहीं की जा सकतीं। इसके विपरीत, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर खबरों को तुरंत संशोधित और अपडेट किया जा सकता है।
उच्च लागत
प्रिंट मीडिया में छपाई, वितरण और उत्पादन की लागत अधिक होती है। इसके अलावा, विज्ञापनदाता भी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर अधिक झुकाव रखते हैं, जिससे प्रिंट मीडिया की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।
पर्यावरणीय नुकसान
कागज, स्याही और प्रिंटिंग प्रक्रियाओं के कारण प्रिंट मीडिया पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। डिजिटल मीडिया इस समस्या का समाधान प्रदान करता है।
डिजिटल मीडिया के उदाहरण
डिजिटल समाचार प्लेटफॉर्म्स: प्रतीवाद.कॉम जैसे प्लेटफॉर्म्स ने समाचार को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाया है। यहां पाठक तुरंत ताजा खबरें प्राप्त कर सकते हैं और अपनी राय भी व्यक्त कर सकते हैं।
सोशल मीडिया
फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने खबरों और सूचनाओं को साझा करने का तरीका बदल दिया है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के दौरान, डिजिटल मीडिया ने त्वरित और सटीक जानकारी प्रदान की।
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स
यूट्यूब और नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स ने मनोरंजन और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
मल्टीपल मीडिया का समन्वय
आज टीवी चैनल्स और रेडियो स्टेशन भी अपने कंटेंट को डिजिटल माध्यमों पर साझा कर रहे हैं। जैसे, ज़ी न्यूज़ का लाइव स्ट्रीम यूट्यूब पर और रेडियो मिर्ची के पॉडकास्ट स्पॉटिफाई पर उपलब्ध हैं।
डिजिटल मीडिया ने न केवल सूचना के आदान-प्रदान को तेज और सुलभ बनाया है, बल्कि इसे अधिक समावेशी और पर्यावरण के अनुकूल भी बनाया है। प्रिंट मीडिया की सीमाओं और खामियों को देखते हुए, डिजिटल मीडिया भविष्य का माध्यम है।
- दीपक शर्मा
डिजिटल मीडिया: आज की अनिवार्यता और संपूर्ण मीडिया का भविष्य
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1161
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