
27 फरवरी 2025। डिजिटल युग में समाचारों की बाढ़ ने हमें 24/7 अपडेटेड रहने का विकल्प दिया है, लेकिन यह सुविधा कई बार हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए चुनौती भी बन सकती है। हाल के अध्ययनों में यह पाया गया है कि लगातार नकारात्मक खबरें देखने से 'न्यूज़ फ़टीग' यानी समाचार थकान महसूस हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति हमारी चिंता और तनाव को बढ़ा सकती है।
न्यूज़ फ़टीग क्या है?
न्यूज़ फ़टीग एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार समाचार देखने के कारण भावनात्मक थकावट महसूस होती है। साइकोलॉजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, लगातार नकारात्मक खबरें देखने से हमारे दिमाग में तनाव हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्तर बढ़ जाता है, जिससे चिंता, अवसाद और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
ऐसे करें न्यूज़ फ़टीग से बचाव
1. सीमित करें समाचारों का उपभोग
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दिनभर लगातार समाचार देखने की बजाय, एक तय समय पर विश्वसनीय स्रोतों से अपडेट लें। इससे दिमाग को राहत मिलेगी और आप संतुलित दृष्टिकोण रख पाएंगे।
2. डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं
न्यूज़ फ़टीग से बचने के लिए समय-समय पर 'डिजिटल ब्रेक' लें। वीकेंड या कुछ घंटों के लिए सोशल मीडिया और न्यूज़ ऐप्स से दूरी बनाएं।
3. पॉज़िटिव न्यूज़ पर ध्यान दें
हर खबर नकारात्मक नहीं होती। अच्छी खबरों को पढ़ना और शेयर करना आपकी मानसिक सेहत को बेहतर बना सकता है। इसके लिए कुछ वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स विशेष रूप से सकारात्मक खबरें प्रकाशित करते हैं।
4. न्यूज़ देखने के बाद ब्रेक लें
यदि कोई खबर आपको विचलित करती है, तो तुरंत दूसरी खबर देखने की बजाय थोड़ा ब्रेक लें, ध्यान (मेडिटेशन) करें या कोई हल्की-फुल्की एक्टिविटी में समय बिताएं।
5. मीडिया साक्षरता को अपनाएं
फेक न्यूज़ और सनसनीखेज रिपोर्टिंग से बचने के लिए विश्वसनीय और तथ्यात्मक समाचार स्रोतों को प्राथमिकता दें। इससे न केवल सही जानकारी मिलेगी, बल्कि अनावश्यक तनाव से भी बचा जा सकेगा।
6. व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखें
समाचारों की अधिकता से बचने के लिए अपने निजी जीवन में दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं, योग या एक्सरसाइज़ करें और किसी नए शौक को अपनाएं।
समाचारों से पूरी तरह दूरी बनाना संभव नहीं है, लेकिन न्यूज़ फ़टीग से बचने के लिए सही रणनीति अपनाना जरूरी है। संतुलित उपभोग, सकारात्मक दृष्टिकोण और डिजिटल डिटॉक्स से हम न केवल मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि सूचनाओं को भी अधिक प्रभावी ढंग से समझ सकते हैं।
- दीपक शर्मा