
जांच न कराने की वजह से विश्व में हर दूसरा डायबिटीज रोगी अपने रोग से अनभिज्ञ रहता है। देरी से पता लगने की वजह से रोगी जटिल समस्याओं से ग्रसित होने से लेकर असमय मृत्यु तक के शिकार हो जाते हैं। भोपाल में लगभग 14 प्रतिशत वयस्क डायबिटीज से पीड़ित हैं जिसमें टाइप 2 डायबिटीज रोगियों की संख्या सर्वाधिक है। वहीं लगभग 10 प्रतिशत बच्चे भी इस रोग की चपेट में हैं इनमें से कुछ की उम्र तो ढाई वर्ष तक की है। जीवनशैली में बदलाव लाकर टाइप 2 मामलों से बचा जा सकता है। अभी देखने में आ रहा है कि ऐसे डायबिटीज मरीज जिनके परिवारों में माता-पिता या भाई बहनों को डायबिटीज है उन्हें भी दुर्भाग्य से यह नहीं मालूम कि उन्हें भी डायबिटीज हो सकती है। अगर ऐसे लोग शुरू से ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, अपना वजन आदर्श रखें तो वे लगभग 70 प्रतिशत तक डायबिटीज को आगे बढ़ा सकते हैं।
उक्त जानकारी आज विश्व डायबिटीज दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में जाने माने डायबिटीज रोग विशेषज्ञ एवं कृष्णा डायबिटीज क्लिनिक एण्ड एजूकेशनल रिसर्च सेंटर, भोपाल के निदेशक डॉ. शचिन कुमार गुप्ता (एमडी मेडीसिन) ने दी। उन्होंने कहा कि डायबिटीज हृदय रोग, अंधापन, गुर्दे की बीमारी तथा पैरों में गेंगरीन या पैरों का कटने का प्रमुख कारण है। वर्तमान में टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित एक तिहाई रोगियों को आने वाले समय में आंखों को नुकसान से लेकर अंधत्व तक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि यूं तो 30 से 40 की उम्र के सर्वाधिक मरीज डायबिटीज से पीड़ित हैं। लेकिन उनके पास 23 वर्ष जितनी युवावस्था के मरीज भी उपचार के लिए आ रहे हैं। यह बहुत ही चिंतनीय बात है। मधुमेह 50 से 60 फीसदी तो आनुवांशिक कारणों से होता है लेकिन वर्तमान दौर का खानपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, व्यायाम का अभाव तथा अनियमित दिनचर्या इसका दूसरा प्रमुख कारण है। दुःखद यह है कि ज्यादातर रोगियों को इसका पता नहीं होता और जब तक उन्हें इसका पता लगता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इसके अतिरिक्त 80 प्रतिशत मामलों में या तो डायबिटीज रोगी आधा अधूरा इलाज लेते हैं या फिर इलाज छोड़ देते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि पूरे विश्व में 415 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित हैं। इनमें से एक बड़ी संख्या इसके अत्यंत दुर्बल कर देने वाले प्रभाव की वजह से असमय मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे। वर्ष मधुमेह दिवस 2016 आंखों पर केन्द्रित है। इस दौरान मधुमेहरोगियों को आंखों की जांच तथा डायबेटिक रेटिनोपैथी के बारे में जागरूक किया जाएगा।