
7 अप्रैल 2025। Prativad Digital Desk | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के लगभग हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है। अब एआई चैटबॉट न केवल टेक्स्ट, फोटो और वीडियो बना सकते हैं, बल्कि फर्जी पहचान पत्र भी बना सकते हैं। एक नए खुलासे में, यह पता चला है कि एआई की मदद से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्र बनाए जा सकते हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।
🚫 एआई का दुरुपयोग
डिजिटल युग में, तेजी से विकसित हो रही तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही तकनीक का दुरुपयोग भी बढ़ रहा है। एआई उपकरण, जैसे कि चैटजीपीटी, आमतौर पर जानकारी देने और सामग्री बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन अब इनका उपयोग धोखाधड़ी और साइबर अपराध के लिए किया जा रहा है।
🚫 फर्जी पहचान पत्र
चैटजीपीटी के इमेज जनरेशन फीचर का उपयोग करके, ठग नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र बना सकते हैं। ये नकली तस्वीरें इतनी असली दिखती हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल है।
🚫 दुष्परिणाम
एआई के दुरुपयोग से भविष्य में कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
साइबर अपराध में वृद्धि: ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से फर्जी पहचान पत्र बना सकता है।
पहचान पत्रों की विश्वसनीयता पर संदेह: आधार और पैन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।
व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग: किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।
अपराध में वृद्धि: फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति किसी भी अपराध को अंजाम दे सकता है, जिससे निर्दोष लोग फंस सकते हैं और कानून व्यवस्था के लिए चुनौती पैदा हो सकती है।
एआई तकनीक का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।