
प्रतिवाद डॉट कॉम | अंतरराष्ट्रीय विशेष रिपोर्ट
9 अप्रैल 2025। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर वैश्विक समुदाय को चेताया है कि अगली घातक महामारी "कल" भी सामने आ सकती है। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सभी सरकारों से स्वास्थ्य सुरक्षा में तत्काल और ठोस निवेश की अपील की है, ताकि संभावित महामारी से बचाव और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. टेड्रोस ने कहा, “यह कोई सैद्धांतिक खतरा नहीं, बल्कि महामारी विज्ञान की निश्चितता है। यह अगले 20 वर्षों में हो सकती है – या कल ही सामने आ सकती है। हमें हर हाल में तैयार रहना होगा।”
😷 COVID-19 के सबक और नया महामारी समझौता
2019 में COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक WHO के अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग 2 करोड़ लोगों की मौत हुई और वैश्विक अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। इस भयावह अनुभव को देखते हुए WHO अब एक अंतरराष्ट्रीय Pandemic Accord (महामारी समझौता) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर महामारी की रोकथाम, निगरानी और प्रतिक्रिया को और अधिक संगठित बनाना है।
😷 “बम और बग” दोनों से सुरक्षा की जरूरत
डॉ. टेड्रोस ने वैश्विक सरकारों को यह याद दिलाया कि स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश, सैन्य खर्च की तुलना में नगण्य है, लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है। “हमें अपने नागरिकों को बम और बग—दोनों से सुरक्षित रखना होगा। महामारी सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट नहीं होती, यह सामाजिक और आर्थिक रूप से युद्ध से भी ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।”
इस संदर्भ में उन्होंने अमेरिका के हालिया 1 ट्रिलियन डॉलर के रक्षा बजट और यूरोपीय संघ द्वारा सैन्य सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्तावित 800 बिलियन यूरो योजना का भी हवाला दिया।
राजनीतिक विरोध और WHO से अलगाव की पहल
महामारी समझौते के मसौदे में हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सदस्य देशों को कितना बजट आवंटित करना होगा, लेकिन इसका उद्देश्य वैश्विक तैयारियों को मजबूती देना है।
इस बीच, अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने WHO से अलगाव की प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने WHO पर COVID-19 के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए अमेरिका की सदस्यता खत्म करने का फैसला किया।
अब ट्रम्प ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अपने आलोचकों को प्रमुख पदों पर नियुक्त करना शुरू कर दिया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य, जो लॉकडाउन और वैक्सीन अनिवार्यता के आलोचक रहे हैं, को NIH (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ) का प्रमुख बनाया गया है। वहीं वैक्सीन संशयवादी रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर को HHS (स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग) का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
⚡ क्या दुनिया तैयार है?
WHO की चेतावनी स्पष्ट है: अगली महामारी दूर नहीं, बहुत निकट हो सकती है। ऐसे में सवाल यही उठता है—क्या दुनिया ने पिछली महामारी से सबक लिया है? और क्या वैश्विक नेतृत्व इसके लिए वाकई तैयार है?