Meta पर गंभीर आरोप: अमेरिकी व्हिसलब्लोअर का दावा –

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1306

14 अप्रैल 2025। Prativad डेस्क – सोशल मीडिया दिग्गज Meta एक बार फिर विवादों में है। इस बार आरोप किसी बाहरी आलोचक ने नहीं, बल्कि Meta की पूर्व टॉप अधिकारी और व्हिसलब्लोअर साराह व्यान-विलियम्स ने लगाए हैं। अमेरिकी सीनेट पैनल के सामने गवाही देते हुए उन्होंने दावा किया कि Meta ने चीन में अपना व्यापार जमाने की कोशिश में अमेरिकी नागरिकों का डेटा बीजिंग को बेचने की सहमति दी थी।

🔐 Meta ने रोकी किताब, नहीं रोक पाई सच्चाई?
Meta ने व्यान-विलियम्स की पुस्तक "Careless People" के प्रचार को रोकने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें अमेरिकी सीनेट के समक्ष बोलने से नहीं रोक सका। अपनी गवाही में उन्होंने कहा कि Meta वर्षों से चीन के साथ "गोपनीय व्यापार" कर रहा है और अमेरिका की जनता को इस बारे में गुमराह किया गया है।

🔐 गंभीर खुलासे – डेटा शेयरिंग और 'सेंसरशिप टूल'
व्यान-विलियम्स ने यह भी दावा किया कि Meta के शीर्ष नेतृत्व ने चीन को कंपनी के यूज़र डेटा तक पहुँच देने पर सहमति जताई थी, जिसमें अमेरिकी नागरिकों का निजी डेटा भी शामिल था। उन्होंने खुलासा किया कि फेसबुक ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए खास तौर पर "कस्टम-निर्मित सेंसरशिप टूल्स" विकसित किए।

"Meta ने अपने मूल्यों से समझौता किया, उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ताक पर रखा, और चीन में व्यापार बढ़ाने के लिए अमेरिकी हितों को कमजोर किया। यह सब वर्षों से हो रहा है और आज भी जारी है," — साराह व्यान-विलियम्स

🔐 जुकरबर्ग की 'चाइना कनेक्टिविटी' पर सवाल
व्हिसलब्लोअर ने यह भी बताया कि मार्क जुकरबर्ग खुद चीन में Meta की मौजूदगी को लेकर व्यक्तिगत रूप से काफी सक्रिय थे, यहाँ तक कि वह मंदारिन भाषा सीख रहे थे।

उन्होंने 2016 में Google और Meta द्वारा मिलकर लॉस एंजिल्स से हांगकांग तक प्रस्तावित एक पनडुब्बी केबल का भी उल्लेख किया, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण बाद में रोक दिया गया।

🔐 Meta का खंडन – पर दस्तावेज कुछ और कहते हैं
Meta ने आरोपों को "असत्य और वास्तविकता से परे" बताया है। उनका कहना है कि कंपनी चीन में कोई सेवा संचालित नहीं करती। हालांकि, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को Meta द्वारा प्रस्तुत आंकड़े कुछ और ही कहानी बताते हैं:

2024 में चीन से $18.35 बिलियन का राजस्व
2023 में $13.69 बिलियन
2022 में $7.40 बिलियन

🔐 Meta ने खुद स्वीकार किया है कि वे चीन में स्थित विज्ञापनदाताओं से महत्‍वपूर्ण राजस्व कमाते हैं।
सवाल सिर्फ Meta पर नहीं, पूरी इंडस्ट्री पर है
इम्यूनिवेब (ImmuniWeb) के CEO डॉ. इलिया कोलोचेंको ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा:

“यह सिर्फ Meta तक सीमित नहीं है। कई पश्चिमी टेक कंपनियाँ चीन और अन्य रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी देशों से भारी मुनाफा कमा रही हैं – भले ही इससे यूज़र्स की सुरक्षा और गोपनीयता को खतरा क्यों न हो।”

यह मामला सिर्फ एक कंपनी या CEO का नहीं है – यह वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों के गोपनीयता बनाम मुनाफा के संघर्ष को उजागर करता है। जिस दौर में डेटा नया "तेल" है, ऐसे में यह सवाल ज़रूरी है: क्या हमारी निजी जानकारी, अब व्यापार की सबसे बड़ी मुद्रा बन चुकी है?

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