
20 दिसम्बर 2016, अब ऐसे क्षेत्र जिनमें टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग ने मास्टर प्लान या निवेश क्षेत्र बना रखा है, की कृषि भूमि पर होटल आदि खुल सकेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने पांच माह तक जद्दोजहद करने के बाद यह नया प्रावधान भूमि विकास नियम 2012 में करके इसे प्रभावशील कर दिया है।
उक्त नियमों में अब तक सिर्फ कृषि फार्म का ही प्रावधान था लेकिन अब कृषि पर्यटन सुविधा नाम से नया प्रावधान भी हो गया है। इसके लिये न्यूनतम भूखण्ड का आकार एक हैक्टेयर निर्धारित किया गया है। नये प्रावधान के तहत अब कृषि भूमि पर कृषि फार्म, फूलोद्यान, फलोद्यान, मधुमख्खी पालन, पशुपालन, सेरीकल्चर, कैम्पिंग सुविधायें, अस्तबल, कला प्रदर्शनी के लिये हॉल, पर्यटकों के लिये काटेज, रेस्टोरेंट, योगा हाल, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, खेल सुविधा, गिफ्ट शाप, रखरखाव के लिये कर्मचारी आवास, स्वीमिंग पूल और केवल निवासरत पर्यटकों के मनोरंजन हेतु ओपन एरिया थियेटर बन सकेंगे।
कृषि पर्यटन हेतु होने वाले निर्माण 7.5 मीटर से अधिक ऊंचे नहीं हो सकेंगे। सभी ओर न्यूनतम खुला क्षेत्र भी साढ़े सात मीटर ही हो सकेगा। भूखण्ड हेतु पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई भी साढ़े सात मीटर तक हो सकेगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा नोटिफाईड क्षेत्रों में अब भूमि विकास नियमों के तहत कृषि पर्यटन सुविधा मिल सकेगी।
- डॉ नवीन जोशी