26 दिसम्बर 2016, शिवराज सरकार ने अपने 11 सालों में विदेशों में स्थित तीर्थ स्थल यथा तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर, श्रीलंका स्थित सीता माता मंदिर व अशोका वाटिका, कम्बोडिया स्थित अंकोरवाट तथा पाकिस्तान स्थित हिंगलाज देवी मंदिर व ननकाना साहेब की यात्रा एवं भारत स्थित लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन यात्रा हेतु धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अंतर्गत रियायती दरों पर यात्रा के जो प्रावधान किये थे उनमें अब बदलाव कर नया प्रावधान कर दिया है कि आयकर दाता को इन तीर्थ स्थलों की यात्रा हेतु कोई रियायत नहीं मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि शिवराज सरकार ने 6 जून 2006 को कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा, 4 दिसम्बर 2007 को पाकिस्तान स्थित हिंगलाज देवी मंदिर व ननकाना साहेब तीर्थ यात्रा, 16 दिसम्बर 2011 को श्रीलंका स्थित सीता माता मंदिर व अशोक वाटिका तथा कम्बोडिया स्थित अंकोरवाट मंदिर तीर्थ यात्रा और 4 अक्टूबर 2014 को सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा के नियम जारी किये थे। सिंधु दर्शन यात्रा हेतु यात्रा व्यय का पचास प्रतिशत या अधिकतम दस हजार रुपये तथा शेष उक्त तीनों विदेशी तीर्थस्थलों की यात्राओं हेतु यात्रा व्यय का पचास प्रतिशत अथवा अधिकतम 30 हजार रुपये राज्य सरकार अपने उपक्रम पर्यटन निगम के माध्यम से अनुदान के रुप में अदा करती है। चारों योजनाओं में आवेदक को यात्रा करने के बाद साठ दिनों के अंदर पर्यटन निगम को अनुदान हेतु आवेदन करना होता है।
पहले सिर्फ यह प्रावधान था कि इन सभी विदेश स्थित तीर्थ स्थलों की यात्रा सिर्फ मप्र का मूल निवासी ही कर सकेगा लेकिन अब ताजा संशोधन कर नया प्रावधान किया गया है कि मप्र का मूल निवासी होने के बावजूद यदि आवेदक आयकर दाता है तो उसे उक्त नियमों के तहत रियायत/अनुदान प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।
- डॉ नवीन जोशी
अब आयकर दाता नहीं कर सकेंगे विदेश में तीर्थ यात्रा
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Bhopal 👤By: DD Views: 18791
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