बसपा का कांग्रेस से कोई समझौता नहीं होगा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मध्य प्रदेश में बसपा के साथ चुनावी गठबंधन का सपना टूटता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश बसपा ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा ने कांग्रेस के बीजेपी को टक्कर देने के रास्ते लगभग बंद कर दिए हैं और उस गठबंधन पर भी पानी फिर गया है जिसकी उम्मीद राहुल गांधी लगाए बैठे थे।
कर्नाटक में जेडी एस ओर कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी और मायावती के गले मोलने की तस्वीरों ने कांग्रेस की उम्मीदें जगा दी थी कि कांग्रेस का हाथ और बसपा का हाथी मध्य प्रदेश में 15 सालों से काबिज भाजपा के कमल का सफाया कर देगा। राजनीतिक हलकों में बाते चली की मध्य प्रदेश में कांग्रेस बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। लेकिन मध्य प्रदेश बसपा ने साफ कर दिया कि गठबंधन की बाते अफवाह हैं और बसपा पूरी 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी।
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दरअसल पिछले 20 सालों से बीएसपी ने मध्य प्रदेश में 6 से 9 प्रतिशत के करीब वोट शेयर बरकरार रखा है। अगर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर 37 प्रतिशत को इसमें जोड़ दिया जाए तो यह गठबंधन भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का 45 प्रतिशत वोट शेयर रहा है और अभी वह तीन बार सत्ता में रहने के कारण एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है। ऐसे में बीएसपी के इनकार के बाद कांग्रेसे मुश्किल खड़ी हो सकती हैं।
बसपा का वोट शेयर
2003 में 7.26 फीसदी
2008 में 8.96 फीसदी
2013 में 6.29 फीसदी
प्रदेश में 56 सीटों पर बसपा का प्रभाव।
अभी भाजपा के पास 165 सीटें
कांग्रेस 58
बसपा 4 सीटें।
बता दें की मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की विधानसभा के चुनाव आगामी नवंबर 2018 में होना हैं. हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हाल ही में एमपी में कांग्रेस-बसपा के गठबंधन के संकेत दिए थे। लेकिन बसपा के इनकार के बाद अब कोंग्रेस बैकफुट पर आ गई है कांग्रेस का कहना है कि चुनाव पास आने पर गठबंधन का फैसला लिया जाएगा।
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मायावती की पार्टी बसपा का दलितों के बीच अच्छा जनाधार है। मध्य प्रदेश में दलितों का वोट करीब 16 फीसदी है। साथ ही 82 विधानसभा सीटें एससीएसटी वर्ग के पास तो 10 लोकसभा सीटें भी इसी वर्ग के पास है ऐसे में बसपा के साथ कांग्रेस गठबंधन कर इस वोट बैंक को कब्जाने की कोशिश कर रही है। लेकिन भाजपा इस गठबंधन का मख़ौल उड़ा रही है।
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कभी देश पर राज करने वाली कांग्रेस आज सिर्फ तीन राज्यो में सत्ता में है ऐसे में सत्ता की छटपटाहट साफ दिखाई देती है। लेकिन सवाल इस बात का है कांग्रेस ने जिस तरह सपा के साथ यूपी में जूनियर पार्टनर बन चुनाब लड़ा था क्या उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश के चुनावी रण में पार्टनर ढूढने की कवायद करेगी।
? डॉ. नवीन जोशी
राहुल का सपना तोड़ा मायावती ने
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 2333
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