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22 साल पुराने मप्र विदेशी मदिरा अधिनियम में बदलाव

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1404

विदेश व देश से मप्र आने वाली शराब पर लगेगा नया टैक्स

30 जून 2018। प्रदेश में विदेश से तथा देश के अन्य राज्यों से आने वाली शराब पर अब नया टैक्स लगेगा। यह टैक्स स्टोरेज चार्जेस के रुप में लिया जायेगा। इसके लिये 22 साल पुराने मप्र विदेशी मदिरा नियम 1996 में संशोधन कर उसे प्रभावशील कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि अन्य विदेशों एवं देश के अन्य राज्यों से आने वाली मंहगी शराब जिसमें मदिरा, वाईन एवं बीयर शामिल हैं, के प्रदेश में अपने गोदाम होते हैं जिनमें इनकी निर्माता कंपनियां उसे संग्रहित रखती हैं तथा वहां से ये प्रदेश के सरकारी गोदामों में जाती हैं जहां से लायसेंसी दुकानों एवं रेस्तरां में वितरित होती है। विदेश से आने वाली शराब जैसे जानीवाकर, शिवाज रीगल आदि के प्रदेश में इनकी निर्माता कंपनियों के गोदाम बने हुये हैं। इन गोदामों में अपनी शराब रखने के लिये कंपनियों को प्रदेश के आबकारी कार्यालय से एफएल 10-ए लायसेंस लेना होता है। जबकि देश के अन्य राज्यों में निर्मित शराब के भी प्रदेश में संबंधित निर्माता कंपनियों के गोदाम बने हुये हैं तथा इसके लिये इन कंपनियों को एफएल 10-बी लायसेंस लेना होता है। पिछले लम्बे अर्से से इन कंपनियों के गोदामों पर स्टोरेज चार्जेस नहीं लग रहे थे। लंकिन अब राज्य सरकार ने नियमों में इसका प्रावधान कर दिया है।



नियमों में दूसरा नया प्रावधान राज्य सरकार ने यह भी किया है कि वह विदेश एवं देश के अन्य राज्यों से आने वाली शराब की किसी किस्म को स्टोरेज चार्जेस से छूट प्रदान कर सकेगी। यह प्रावधान उसने वाईन के लिये किया है क्योंकि वाईन का उत्पादन एवं खपत प्रदेश में कम है जबकि मदिरा एवं बीयर का अत्यधिक। यह स्टोरेज चार्जेस लगने पर अब विदेशी एवं देश के अन्य राज्यों से आने वाली मदिरा एवं बीयर और मंहगी हो जायेगी। इस स्टोरेज चार्जेस को राज्य सरकार ने 1 अप्रैल,2018 से लागू किया है। प्रदेश में एफएल 10-ए लायसेंस वाले कुल 13 गोदाम हैं जिनमें से इंदौर में 7, ग्वालियर में 4 तथा भोपाल में 2 गोदाम हैं, जबकि एफएल 10-बी लायसेंस वाले कुल 6 गोदाम हैं जिनमें से इंदौर में 3, ग्वालिसर में 2 तथा भोपाल में 1 गोदाम है। प्रदेश में शराब का निर्माण करने वाली कंपनियों को भी अपने स्वयं के गोदाम में शराब रखने पर यह स्टोरेज चार्जेस देना पड़ते हैं।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि विदेश एवं देश के अन्य राज्यों से आने वाली शराब के प्रदेश में संबंघित निर्माता कंपनियों के गोदाम हैं जिन पर स्टोरेज चार्जेस नहीं लग रहे थे। इसीलिये विदेशी मदिरा नियम में बदलाव कर इसका प्रावधान किया गया है। यह स्टोरेज चार्जेस विदेशी मदिरा के लिये बारह बोतलों वाली प्रति पेटी 10 रुपये और बीयर के लिये प्रति पेटी 5 रुपये होगा। वाईन को इस चार्ज से छूट दी जायेगी।





? डॉ. नवीन जोशी

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