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दवाओं में बीमारी दूर करने के दावे नहीं किये जा सकेंगे

Place: Bhopal                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 1454

घर का बना और घर पर तैयार जैसे शब्द भी नहीं लिखे जा सकेंगे

05 दिसंबर 2018। दवाओं एवं खाद्य पदार्थों में के लेबल में या आनलाईन प्लेटफार्म पर ये दावे नहीं किये जा सकेेंगे कि इससे बीमारी दूर हो जायेगी तथा यह भी नहीं लिखा जा सकेगा यह उत्पाद घर का बना या घर पर तैयार हुआ है। यह प्रावधान भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत बने खाद्य सुरक्षा और मानक विज्ञापन एवं दावे विनियम 2018 में किया है। इन नये प्रावधानों को जारी कर दिया गया है तथा खाद्य एवं दवा कारोबारियों को सात माह का समय दिया गया है कि वे अपने उत्पादों के प्रचार में यह सुधार कर लें तथा इसके बाद 1 जुलाई 2019 से इन नये प्रावधानों को लागू कर दिया जायेगा।



नये प्रावधान में कहा गया है कि खाद्य कारोबारी अथवा विपणक उन दावों को छोडक़र, जो परिभाषित हैं और जिनके संबंध में इन विनियमों अथवा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत बने किन्हीं अन्य विनियमों में मानदण्ड निर्धारित हैं, बीमारी के जोखिम को कम करने का अन्य दावा करने के लिये खाद्य प्राधिकरण से पूर्व अनुमति प्राप्त करना होगी।



नये प्रावधान में यह भी कहा गया है कि जब खाद्य पदार्थ की लेबलिंग, प्रस्तुतीकरण अथवा विज्ञापन में आने वाले ट्रेड मार्क, ब्रांड नेम अथवा फैंशी नाम में प्रयुक्त प्राकृतिक, ताजा, शुध्द, मौलिक, पाम्परिक, प्रमाणित, असली, सही आदि विशेषण शब्दों का अर्थ ऐसा हो कि उससे पदार्थ की प्रकृति के बारे में उपभोक्ता के भ्रमित होने की संभावना हो, तो ऐसे मामलों में लेबल पर 3 मिलीमिटर आकार में यह डिस्क्लेमर यानि अस्वीकरण लिखा जाये कि यह केवल ब्रांड नेम अथवा ट्रेड मार्क है और इससे इसकी सही प्रकृति नहीं झलकती।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि नये विनियम एलोपैथिक दवाओं के लिये नहीं हैं क्योंकि एलोपैथिक दवाओं के लिये तो पहले से ही रेगुलेशन बने हुये हैं। ये विनियम गैर एलोपैथिक दवाओं एवं खाद्य पदार्थों के संबंध में हैं।





- डॉ. नवीन जोशी

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