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प्रदेश की सभी राईस मिलों को नया बंधनकारी आदेश

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1371

30 दिन में धान को चावल में बदलकर देना होगा

14 फरवरी 2019। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में स्थित सभी राईस मिलों के लिये नया बंधनकारी आदेश जारी किया है। इन मिलों को राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को 30 दिन के अंदर चावल में बदलकर देना होगा। यह चावल उसना अथवा अरवा किस्म का होगा तथा यह अच्छी गुणवत्ता का होना जरुरी होगा। इसके लिये राज्य सरकार के खाद्य विभाग ने 49 साल पहले बने मप्र चावल अधिप्राप्ति उद्ग्रहण आदेश 1970 के तहत नया आदेश जारी किया है।



यह आदेश इसलिये जारी करना पड़ा है क्योंकि इस बार राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों से करीब 21 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है तथा यह गोदामों में संग्रहित है। अब इस धान को चावल के रुप में परिवर्तित किया जाना है। यह काम राईस मिलें ही कर सकती हैं क्योंकि उनके पास आधुनिक मशीनें हैं। धान से बने चावल को राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कल्याणकारी योजनाओं में देती है तथा इसके बाद शेष बचा चावल केंद्र सरकार के भारतीय खाद्य निगम को सौंप देती है।



अभी हैं 593 रजिस्टर्ड राईस मिलें :

राज्य के खाद्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत मप्र नागरिक आपूर्ति निगम धान को चावल में परिवर्तित करने के लिये राईस मिलों को देता है। निगम ने अपने पास वर्तमान में प्रदेश की 593 राईस मिलें रजिस्टर्ड की हुई हैं। नये आदेश में अब उन राईस मिलों को भी धान को चावल में परिवर्तित करना होगा जोकि निगम में रजिस्टर्ड नहीं हैं। प्रदेश में धान की उपज सबसे ज्यादा बालाधाट में होती है। अब सभी राईस मिलों को सरकार के गोदामों से धान उसे चावल में परिवर्तित करने के लिये मिलेगी। राईस मिल को अपनी क्षमता का 35 प्रतिशत इस सरकारी धान को चावल में परिवर्तित करने में लगाना होगा। इसका उन्हें निर्धारित दर पर भुगतान भी मिलेगा। कोई भी राईस मिल धान को चावल में परिवर्तित करने से मना नहीं कर सकेगी। मिलिंग क्षमता का आकलन मिल की प्रति घण्टा मिलिंग क्षमता के आधार पर किया जायेगा जिसमें प्रत्येक कार्य दिवस पर 8 घण्टे की दो पारियां ली जायेंगी तथा माह में कुल कार्य दिवस 25 दिन लिये जायेंगे। इसके लिये राईस मिलों को अग्रिम धन तथा प्रतिभूति निक्षेप जमा करना होगी। जिस राईस मिल को राज्य सरकार आदेश देगी उसे आदेश मिलनेकेदस दिन केअंदर गोदाम से धान उठानी होगी और 30 दिन में चावल बनाना होगा। यदि राईस मिल निर्धारित समय में चावल की मिलिंग नहीं करती है तो वह अगले माह में तब तक कोई मिलिंग नहीं करेगी जब तक कि वह सरकारी धान की मिलिंग नहीं कर लेती है।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में धान का समर्थन मूल्य पर अच्छा संग्रहण हुआ है तथा अब इसे चावल में शीघ्र परिवर्तित कराया जाना है। इसके लिये नया आदेश जारी किया गया है। सभी रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड राईस मिलों को धान को चावल में परिवर्तित करना अब बंधनकारी होगा। सरकार स्तर पर आदेश जारी हुआ है तथा अब प्रशासकीय आदेश आदेश जारी होना है तथा अगले सप्ताह से यह मिलिंग प्रारंभ हो जायेगी।







(डॉ. नवीन जोशी)





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