उच्च न्यायालय ने इस संबंध में जारी किये नये नियम
12 मार्च 2019। प्रदेश के जिला न्यायालय अब वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से भी प्रकरणों का निपटारा कर सकेंगे। यही नहीं यदि यह वीडियो कान्फ्रेन्सिंग सुविधायें सभी मामलों में प्रयोग में लाई जा सकेगी जिनमें रिमांड, जमानत आवेदन-पत्र तथा दीवानी और दांडिक विचारण में, जहां वह व्यक्ति जिसकी उपस्थिति अथवा प्रस्तुत होना अपेक्षित किंतु राज्यांतरिक, अंतर्राज्यीय अथवा विदेश में अवस्थित है। लेकिन ये नियम दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के अंतर्गत संस्वीकृति हेतु लागू नहीं होंगे।
मप्र उच्च न्यायालय ने इस संबंध में मप्र के जिला न्यायालय वीडियो कान्फ्रेन्सिंग नियम जारी कर दिये हैं। नियमों में कहा गया है कि वीडियो कान्फ्रेन्सिंग प्राथमिक रुप से दूरस्थ स्थान के साक्षियों के लिये होगी। जहां न्यायालय को लगेगा कि साक्षी को दस्तावेज दिखाने की आवश्यक्ता है, वहां वह वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से साक्षी का परीक्षण करने से इंकार भी कर सकेगा। मेडिकल तथा अन्य विशेषज्ञों का परीक्षण, जहां तक संभव हो, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम द्वारा ही संचालित किया जायेगा।
दिव्यांगों को मिली सहुलियत :
उच्च न्यायालय ने अपने नियमों में एक और संशोधन कर दिव्यांगजनों को सहुलियत प्रदान की है। अब चाहे सिविल मामले हों या दाण्डिक, न्यायालय, जहां भी आवश्यक्ता समझे, किसी व्यक्ति या प्राधिकारी को किसी अभिवचन या दस्तावेज की प्रति किसी व्यक्ति को ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराने के लिये निर्देश दे सकेगा।
(डॉ. नवीन जोशी)
जिला न्यायालय अब वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से प्रकरणों का निपटारा कर सकेंगे
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Bhopal 👤By: DD Views: 1970
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