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शहरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को सीमेंट फैक्ट्रियों और सडक़ निर्माण में भेजने के निर्देश

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1110

1 मई 2019। राज्य सरकार ने सभी नगरीय निकायों से कहा है कि वे अपने शहर में निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे को वेलिंग मशीन के माध्यम से संघनित कर सीमेंट फैक्ट्रियों जैसे एसीसी सीमेंट फैक्ट्री कटनी, अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री नीमच आदि को भेजें। साथ ही प्लास्टिक को बारीक काटा जाकर रोड निर्माण हेतु मप्र ग्रामीण सडक़ प्राधिकरण को प्रेषित किया जाये। वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से ये निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने जारी किये हैं।

नगरीय निकायों को प्लास्टिक अपशिष्ट के पुन:चक्रण या प्रसंस्करण हेतु स्थानीय कबाडिय़ों के माध्यम से पुनचर्क्रण यानि रीसाईकिल हेतु प्रेषित करें।



डंपिंग साईट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश :

सभी नगरीय निकायों को लैंडफिल/डंपिंग साईट पर अनिवार्य रुप से सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। मानसून की स्थिति में डंपिंग साईट का गंदा एवं कीचड़ पानी हेतु पृथक से व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये भी कहा गया है तथा नगरीय निकायों को बताया गया है कि उक्त व्यवस्था न करने पर एनजीटी द्वारा निकायों पर जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी। चार पाल्युटेड रिवर ट्रेचिंग निकायों के बारे में कहा गया है कि वे इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर एनजीटी को प्रस्तुत करें। ये चार निकाय हैं : नागदा-रामपुरा, खान रिवर इंदौर-कबीरखेड़ी से खजराना, क्षिप्रा-सिध्दवट-त्रिवेणी संगम-उज्जैन एवं बेतवा रिवर-मंडीदीप-विदिशा।



पांच शहरों में वायु प्रदूषण की बदतर स्थिति :

वीडियो कान्फेन्सिंग में बताया गया है कि एनजीटी द्वारा दर्शाये गये जिन नगरीय निकायों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है वे हैं : मंडीदीप, पीथमपुर, देवास, उजजैन एवं सिंगरौली।



ठेकेदारों को आफलाईन भुगतान पर रोक लगाई :

वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में नगरीय निकायों से कहा गया है कि कतिपय नगरीय निकायों द्वारा प्रोजेक्ट सिस्टम माड्यूल में एंट्री की जाती है परन्तु ठेकेदारों को भुगतान बैंक में आवेदन भेजकर किया जाता है। इस संबंध में समस्त नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी ठेकेदार/वेंडर को आफलाईन भुगतान नहीं किया जाये। ठेकेदारों के भुगतान हेतु निकाय द्वारा उपयोग किये जा रहे बैंक खाते में नेट बैंकिंग सुविधा प्रारंभ कर, यूनिक आईडी पासवर्ड प्राप्त करें। मुख्य नगरपालिका अधिकारी/लेखापाल के पंजीकृत मोबाईल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होने के पश्चात एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया जाये।







(डॉ. नवीन जोशी)

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