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नगरीय निकायों के चुनावों में अब नामांकन का एक ही फार्म होगा

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2208

निर्वाचन व्यय के लिये खोलना होगा उम्मीदवारों को बैंक अकाउण्ट, निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होंगे,

कमनलाथ सरकार ने किये नये प्रावधान



19 जून 2019। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस साल के अंत में होने वाले त्रिस्तरीय नगरीय निकाय चुनावों के लिये नये प्रावधान कर दिये हैं। इसके लिये मप्र नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 और मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत बने मप्र नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में संशोधन कर उन्हें प्रभावशील कर दिया गया है।



पहला नया प्रावधान यह है :

अब नगर निगम के मेयर एवं पार्षद तथा नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष व पार्षद हेतु एक ही नामांकन पत्र होगा। पहले अलग-अलग नामांकन-पत्र थे। इसी एक ही नामांकन-पत्र में मेयर, अध्यक्ष एवं पार्षद पद के उम्मीदवार को अपने ब्यौरे देने होंगे तथा स्टाम्प आकार का 2 गुणित 2 सेंटीमीटर साईज चेहरे का फोटो चस्पा करना होगा। इस नये एक ही नामांकन-पत्र में आवश्क दस्तावज संलग्र करने होंगे।



दूसरा नया प्रावधान यह है :

मेयर/अध्यक्ष के पद पर चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थी को नामनिर्देशन पत्र दाखिल करने के पूर्व विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों की तरह किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में स्वयं के नाम से खाता खोलना होगा तथा इस खाते में निर्वाचन व्यय संबंधी प्राप्तियों एवं व्ययों के पूर्ण ब्यौरे नियत होंगे। इस खाते के ब्यौरे रिटर्निंग आफिसर को दिये जायेंगे। दस हजार रुपयों से अधिक के व्यय चैक या इलेक्ट्रानिक माध्यम से ही किये जा सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन व्यय प्रस्तुत करने की प्रक्रिया निर्धारित करेगा। राज्य सरकार राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा निर्धारित करेगी। मतदान के बाद 30 दिन के अंदर निर्वाचन व्यय के लेखे आयोग द्वारा अधिसूचित प्राधिकारी को देने होंगे। यदि मेयर या अध्यक्ष ऐसे निर्वाचन व्यय का लेखा देने में निर्धारित अवधि में देने में असफल होते हैं तो आयोग उन्हें अयोग्य घोषित कर सकेगा एवं आगे एक समयावधि तक चुनाव लडऩे के लिये निर्हर कर सकेगा।

तीसरा नया प्रावधान यह किया है :



अब जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर, पीठासीन अधिकारी आदि चुनाव कार्य में लगे कर्मी राज्य निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति में समझे जायेंगे। यह प्रतिनियुक्ति चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से लेकर चुनाव परिणामों की घोषणा होने तक रहेगी। प्रतिनियुक्ति के दौरान ये अधिकारी आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन में होंगे।



- डॉ. नवीन जोशी











मंत्री की समीक्षा के दौरान कांग्रेस नेता ने कार्यपालन यंत्री से किया दुव्र्यवहार एसपी को लिखित शिकायत की

19 जून 2019। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री एसके अमरोदिया से पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल की उपस्थिति में कांग्रेस नेता द्वारा दुव्र्यवाहर करने का मामला सामने आया है। व्यथित कार्यपालन यंत्री ने एसपी सागर से इसकी लिखित शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की है।

शिकायत में कार्यपालन यंत्री ने कहा है कि 17 जून को पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल द्वारा सागर जिले में भ्रमण के तहत शासकीय विश्राम गृह सागर में प्रेस वार्ता एवं विभागीय कार्यों की समीक्षा की गई। उक्त कार्यक्रम में रहली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रतनपुर विकासखण्ड रहली निवासी जीवन पटेल अपने आप को कांग्रेस महामंत्री सागर बताते हुये उक्त तिथि को लगभग दोपहर 2 बजे बिना किसी कारण के मुझे बुलाकर अनावश्यक रुप से अभद्रता करते हुये गाली-गलौच की गई एवं धमकी दी कि तुम्हे देख लेंगे तथा कार्यालय आकर मारेंगे। इस कारण मुझे व्यक्तिगत एवं शासकीय रुप से मानसिक क्षति एवं सामूहिक रुप से प्रताडि़त कर अपमानित किया गया। इसलिये उक्त व्यक्ति के विरुध्द दण्डात्मक कार्यवाही करें।





- डॉ. नवीन जोशी

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