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औषधि निर्माण में लगने वाले एल्कोहल का लायसेंस

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2281

अब लोक सेवा गारंटी में मिलेगा

25 जून 2019। प्रदेश में औषधि निर्माण वाली कंपनियों को एल्कोहल का लायसेंस अब लोक सेवा गारंटी कानून के तहत मिलेगा। दरअसल औषधि निर्माण कंपनियों को अपनी औषधियों के लिये अल्कोहल या रेक्टिफाई स्प्रिट की जरुरत होती है जिसके लिये उसे राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत कार्यरत आबकारी कार्यालय से लायसेंस लेना होता है। इस लायसेंस को लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था और इसमें समयावधि भी काफी लग रही थी। इसीलिये अब इसे लोक सेवा गारंटी कानून के दायरे में लाया गया है।

राज्य के लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत उक्त सेवा को अधिसूचित कर दिया है। अब औषधि विनिर्माण के लिये एल-1 और एल-2 लायसेंस जिला स्तर पर सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी लोक सेवा गारंटी कानून के तहत आवेदन मिलने के सात कार्य दिवस के अंदर प्रदान करेंगे। यदि सात कार्य दिवस में लायसेंस नहीं मिलता है तो आवेदक एल-1 लायसेंस हेतु आबकारी आयुक्त को तथा एल-2 लायसेंस हेतु जिला कलेक्टर को प्रथम अपील कर सकेंगे जहां दोनों अधिकारियों को दस कार्य दिवस में लायसेंस देना होगा। यदि फिर भी लायसेंस नहीं मिलता है तो एल-1 लायसेंस हेतु प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर तथा एल-2 लायसेंस हेतु आबकारी आयुक्त के यहां द्वितीय अपील की जा सकेगी।



अब लायसेंस के नाम बदल गये हैं :

प्रदेश में पहले मेडिसिनल एण्ड टायलेट प्रिपरेशन्स एक्ट 1955 के तहत औषधि विनिर्माण के लायसेंस एल-1 एवं एल-2 दिये जाते थे। जीएसटी आने के बाद यह एक्ट खत्म हो गया है। अब इन लायसेंसों का नाम रेक्टिफाई स्प्रिट लायसेंस-2 के अंतर्गत एक एण्ड बी लायसेंस हो गये हैं।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि औषधि विनिर्माण में भी अल्कोहल का उपयोग होता है और इसके लिये आबकारी कार्यालय लायसेंस देता है। अब एल-1 एवं एल-2 लायसेंस खत्म हो गये हैं और इनका स्थान आरएस-2 के अंतर्गत ए एण्ड बी लायसेंस ने लिया है। लोक सेवा गारंटी के तहत नये नाम से ही लायसेंस दिये जायेंगे।



(डॉ. नवीन जोशी)

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