नुकसानी पर भी मिलेगी किसानों को सहायता
13 जुलाई 2019। अब प्रदेश के किसानों को शासकीय जल संरचना फूटने पर होने वाली फसल हानि पर भी सरकार से मुआवजा मिलेगा। इसके लिये राजस्व विभाग ने अपने राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन कर उसे प्रभावशील कर दिया है। इस नये प्रावधान को सभी विभागों को भेज दिया गया है।
राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राजस्व पुस्तक परिपत्र में प्राकृतिक प्रकोपों पर सहायता के संबंध में पहले प्रावधान था कि प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि, ओला, असमय वृष्टि (बेमौसम वर्षा), पाला, शीतलहर, कीट-इल्ली, टिड्डी आदि, बाढ़, आंधी, तूफान, भूकम्प, सूखा एवं अग्रि दुर्घटनाओं से फसल की नुकसानी तथा जनहानि और पशु हानि होने पर सहायता दी जायेगी। परन्तु अब इसमें नया प्रावधान जोड़ दिया गया है कि "कभी-कभी शासकीय जल संरचना फूट जाने से भी खेतों में पानी भर जाने के कारण कृषकों की फसल की नुकसानी होती है।"
उक्त नये प्रावधान के तहत अब शासकीय जल संरचना फूटने से फसल हानि को भी प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति के समान आर्थिक सहायता दी जायेगी। इस नवीन आदेश को 27 मई,2019 से लागू किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में गत वर्षों में वर्षाकाल में कुछ बांघों के फूटने से खेतों में पानी भरने एवं फसलों के नष्ट होने की घटनायें हुई हैं। परन्तु राजस्व पुस्तक परिपत्र में इसके लिये सहायता देने का प्रावधान नहीं होने से किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाती थी। इसी कारण से यह नया प्रावधानल जोड़ा गया है ताकि इस बार वर्षाकाल में किसी शासकीय जल संरचना के फूटने से खेती को नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके।
? डॉ. नवीन जोशी
शासकीय जल संरचना फूटने पर खेती की
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Bhopal 👤By: DD Views: 2247
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