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हवाई सेवाओं के विस्तार पर केवल धोखाधड़ी.....?

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1368

भोपाल में स्टेट हैंगर के विस्तार में राज्य सरकार की रूचि नहीं

एयरपोर्ट अथारिटी के ड्राफ्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया सरकार ने

13 जुलाई 2019। हवाई सेवाओं के विस्तार के वादे हवाई होते दिख रहे हैं। मौजूदा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भोपाल सहित राज्य के बड़े शहरों को बेहतर हवाई सेवाएं देने का वचन दिया था, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी मध्यप्रदेश को अंतरराष्ट्रीय वायुसेवा देने के हसीन ख्वाब दिखाए थे, मगर असलियत में दोनों धोखा दे रहे हैं। राजधानी भोपाल के स्टेट हैंगर के विस्तार हेतु भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय से अभी तक एमओयू नहीं हो पाया है। अभी राजा भोज एयरपोर्ट के जिस हिस्से में स्टेट हैंगर है वह भूमि भी केंद्र सरकार की एयरपोर्ट अथारिटी के पास है। अथारिटी ने एमओयू के लिये राज्य सरकार के पास एक ड्राफ्ट भेजा है परन्तु वह अभी तक इसे मंजूर नहीं कर पाई है। उसके मंजूर करने पर यह ड्राफ्ट केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के पास जायेगा तथा उसकी मंजूरी के बाद ही करार (एमओयू) हो सकेगा।



वर्तमान में भोपाल एयरपोर्ट के 1.60 एकड़ हिस्से में स्टेट हैंगर बना हुआ है, जिस पर राज्य सरकार का वीआईपी लाउंज, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग और हैंगर बना हुआ है। यहां से राज्य सरकार के विमान संचालित होते हैं। जिस मार्ग से स्टेट हैंगर माना जाता है, वह और उसके आसपास की भूमि भी एयरपोर्ट आथारिटी के पास है। राज्य का विमानन संचालनालय स्टेट हैंगर से लगी 4.27 भूमि भी अपने आधिपत्य में चाहती है। इसके लिये बारह साल पहले 20 नवम्बर 2007 को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिसमें 1.60 एकड़ में स्थित स्टेट हैंगर और अतिरिक्त मांगी गई 4.27 एकड़ भूमि इस प्रकार कुल 5.87 एकड़ भूमि के बारे में केंद्र सरकार से एमओयू होना है।अभी तक यह एमओयू नहीं हो पाया है। एमओयू का एक ड्राफ्ट केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के पास भेजा हुआ है जिस पर अभी तक राज्य सरकार ने भी कोई निर्णय नहीं लिया है।



एयरपोर्ट अथारिटी के जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि हमने स्टेट हैंगर और उससे सटी भूमि राज्य सरकार को देने के संबंध में एमओयू का ड्राफ्ट राज्य सरकार के पास भेजा है। ड्राफ्ट मंजूर होने पर इसे केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय को उसकी स्वीकृति हेतु भेजा जायेगा। उसके बाद ही एमओयू हो सकेगा।राज्य विमानन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्टेट हैंगर के अलावा उससे सटी भूमि के लिये अभी एमओयू की कार्यवाही प्रचलित है। इसके होने पर स्टेट हैंगर और उसके आसपास की भूमि राज्य शासन के पास आ जायेगी। इसकी क्या शर्तें होंगी यह एमओयू फायनल होने पर ही पता चल सकेगा।







- डॉ. नवीन जोशी

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