डेढ़ अरब का भुगतान रोका, दिये कलेक्टरों को जांच के निर्देश
6 सितंबर 2019। पिछली शिवराज सरकार के समय की मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में प्रत्येक दम्पत्ति को सरकार 28 हजार रुपये देती थी परन्तु वर्तमान कमलनाथ सरकार ने इसे 5 जनवरी 19 को निर्णय लेकर 51 हजार रुपये कर दिया। नतीजा यह रहा कि प्रदेश में इस योजना के तहत सामूहिक विवाह/निकाह करने वालों की बाढ़ सी आ गई और सरकार को इन्हें सहायता देने के लाले पड़े गये। अब यह योजना कमलनाथ सरकार के गले पड़ गई है। उसने 30 हजार 609 विवाहों/निकाहों को संदिग्ध मानते हुये इनका करीब डेढ़ अरब रुपयों का भुगतान रोक दिया है तथा जिला कलेक्टरों से कहा है कि इन संदिग्ध प्रकरणों की जांच करने के बाद ही भुगतान करने की कार्यवाही की जाये।
ऐसे खुला मामला :
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के लिये आवंटित कुल बजट में से एक तिहाई राशि सामान्यतया जारी की। परन्तु जिलों से जब भारी भरकम राशि की मांग आई तो सरकार चौंक गई। जिलों से जानकारी आई कि 44 जिलों में विवाह योजना के 28 हजार 665 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं और इनमें राशि 1 अरब 45 करोड़ 55 लाख 7 हजार रुपये और भुगतान हेतु मांगी गई। इसी प्रकार, निकाह योजना में 13 जिलों के 1944 प्रकरणों में 9 करोड़ 91 लाख 44 हजार रुपये भुगतान हेतु लंबित हैं। इतनी भारी भरकम राशि की मांग आने पर राज्य सरकार को नये सिरे से योजना के क्रियान्वयन के बारे में जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी करने पड़े हैं।
सरकार ने अब ये जारी किये निर्देश :
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि भुगतान हेतु लंबित मामलों की समीक्षा करने से प्रतीत होता है कि जिलों द्वारा योजनान्तर्गत हितग्राहियों की पात्रता की सघन जांच किये बिना काफी सं या में हितग्राहियों के भुगतान लंबित होने की जानकारी दी जाकर अत्यधिक बजट की मांग की गई है, जिसमें अपात्र हितग्राहियों के भी शामिल होने की संभावना है। कतिपय स्रोतों से विभाग को पता चला है कि पूर्व विवाहित अथवा अन्यथा अपात्र जोड़ों को भी मैदानी अमले द्वारा नियम विरुध्द तरीके से योजना का लाभ प्रदाय किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसलिये अब सघन जांच कर यह सुनिश्चित किया जाये कि योजनान्तर्गत केवल पात्र हितग्राहियों को ही योजना का लाभ प्राप्त हो। यदि कोई पूर्व विवाहित या अन्यथा अपात्र व्यक्ति योजना का लाभ प्राप्त करता है अथवा प्राप्त करने की कोशिश करता है तो उसके तथा उसमें शामिल अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुध्द स त कार्यवाही की जाये तथा की गई कार्यवाही से सरकार को अवगत करायें।
खरगौन, सागर और भोपाल में अत्यधिक प्रकरण :
विवाह योजना में भुगतान हेतु लंबित प्रकरण सबसे ज्यादा खरगौन जिले में 1589 हैं जिसमें 8 करोड़ 10 लाख रुपये की मांग की गई है तथा इसके बाद सागर जिले में 1588 प्रकरण हैं जिनमें 8 करोड़ 9 लाख 88 हजार रुपयों की मांग की गई है। निकाह योजना में भोपाल सर्वोच्च स्थान पर है जहां भुगतान हेतु 870 प्रकरण लंबित हैं और इनमें 4 करोड़ 43 लाख 70 हजार रुपये की राशि मांगी गई है।
डॉ. नवीन जोशी
मुख्यमंत्री विवाह योजना में राशि 51 हजार करना सरकार के गले पड़ा...
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Bhopal 👤By: DD Views: 1335
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