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8 साल पुराने आरटीई नियमों में संशोधन किया राज्य सरकार ने...

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 961

अब स्कूलों में दो की जगह एक शाला समिति होगी

23 अक्टूबर 2019। राज्य सरकार ने आठ साल पुराने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2011 में संशोधन कर दिया है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा पांच और कक्षा छह से कक्षा आठ तक के लिये दो शाला समितियां नहीं होंगी बल्कि एक ही शाला समिति होगी।

नये बदलाव के तहत, अब प्रत्येक सरकारी स्कूल की समिति में 18 सदस्य होंगे। उनमें से कम से कम तीन चौथाई सदस्य स्कूल में नामांकित बच्चों के पालकों या अभिभावकों में से समिति के सदस्य होंगे। वंचित समूह और कमजोर वर्ग से संबंधित बच्चों के पालकों या अभिभावकों का समिति में प्रतिनिधित्व कुल नामांकित बच्चों के अनुपात में होगा। समिति में दो सदस्य स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे। प्रधान शिक्षक या स्कूल की वरिष्ठतम महिला शिक्षक समिति की सदस्य सचिव होंगी। समिति के सदस्यों में से 50 प्रतिशत महिलायें होंगी। समिति का एक अध्यक्ष एवं एक उपाध्यक्ष होगा। इनका निर्वाचन समिति के निर्वाचित पालकों या अभिभावकों में से किया जायेगा। परंतु यदि अध्यक्ष महिला नहीं है, तो उपाध्यक्ष कोई महिला ही होगी।

ऐसा होगा समिति का गठन :
समिति के 18 सदस्यों में से 14 सदस्य जिनमें सात महिला सदस्य सम्मिलित हैं, स्कूल में नामांकित बच्चों के पालकों या अभिभावकों में से होंगे। परन्तु यदि स्कूल समेकित कक्षा एक से कक्षा आठ है, तो शाला प्रबंधन समिति के पालक सदस्यों में उसके प्राथमिक खण्ड कक्षा एक से कक्षा पांच और मिडिल खण्ड कक्षा 6 से कक्षा 8 का समान प्रतिनिधित्व बनाये रखा जायेगा। इस प्रकार समेकित स्कूल के प्राथमिक खण्ड के सात सदस्यों और मिडिल खण्ड के सात सदस्यों में वंचित समूह, कमजोर वर्ग और अन्य के आनुपातिक प्रतिनिधित्व का निर्धारण पृथक-पृथक किया जायेगा। समिति के शेष सदस्यों में नगरीय क्षेत्र में उस वार्ड का पार्षद और ग्रामीण क्षेत्रों में उस वार्ड का पंच सदस्य होंगे। नगरीय क्षेत्रों के महापौर या अध्यक्ष द्वारा नामनिर्दिष्ट एक महिला पार्षद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उस ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा नामनिर्दिष्ट एक महिला पंच सदस्य होंगे।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि पहले सरकारी स्कूलों में दो शाला प्रबंध समितियां होती थीं परन्तु अब नियमों में संशोधन कर एक ही शाला परिसर वाले स्कूलों में एक ही शाला प्रबंध समिति का प्रावधान कर दिया गया है।

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