×

बापू के सत्याग्रह से प्रेरित शिवराज सिंह का स्वास्थ्य आग्रह

prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद
Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 5543


कृष्णमोहन झा/
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस समय राज्य में कोरोना संक्रमण की भयावह रफ्तार ने बेहद चिंतित कर रखा है। उनके चेहरे के भाव देखकर कोई भी सहज ही उनके हृदय की पीड़ा की अनुभूति कर सकता है। उनकी पेशानी पर पड़े हुए बल केवल यही संकेत दे रहे हैं कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार में अप्रत्याशित वृद्धि से प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लाडले मुख्यमंत्री को कितना व्याकुल ‌कर दिया है। उनको इस समय बस एक ही चिंता है कि प्रदेश जनता को जल्द से जल्द जानलेवा कोरोना वायरस की दहशत से कैसे छुटकारा दिलाया जा सकता है मुख्यमंत्री के लिए अब भूख -प्यास, नींद, चैन सब गौण हो चुके हैं। यह सब देखकर मुझे याद आ रहा है एक साल पहले का वह समय जब शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली थी।उस समय प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत भर हुई थी परन्तु ‌उन्होंने मंत्रिमंडल गठन की कवायद में वक्त जाया करने के बजाय कोरोना की रोकथाम की रणनीति तय करने के काम को प्राथमिकता दी।सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ओढ़ लेने के उनके फैसले को अति आत्मविश्वास का नाम भी दे दिया गया परंतु मुख्यमंत्री को ऐसी आलोचनाएं विचलित नहीं सकीं। कोरोना के विरुद्ध कठिन लड़ाई को जीतने के लिए पहले उन्होंने‌ सोची समझी रणनीति के अनुसार मैदानी जमावट पर ध्यान केंद्रित किया। उस समय कोरोना को हराना उनके लिए सबसे पहली प्राथमिकता बन गया था।
लगभग एक साल बाद आज फिर कोरोना पहले से भी अधिक भयावह रूप में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपने पैर पसार रहा है।दिन प्रतिदिन उसका दायरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री की चिताओं में इजाफा होना भी स्वाभाविक है लेकिन शिवराज सिंह चौहान जानते हैं कि यह समय आगे ‌बढकर संपूर्ण संकल्प शक्ति और साहस के साथ कोरोना की कठिन चुनौती का सामना करने का है इसलिए पहले की तरह कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे हुए हैं। जिस तरह अतीत में विकास का शिवराज माडल देश के दूसरे राज्यों की सरकारों के लिए प्नेरणा का विषय बन गया था उसी तरह आज ‌जानलेवा कोरोनावायरस ‌ को परास्त करने ‌का अनूठा ‌शिव संकल्प कीआज देश भर में चर्चा हो ‌रही है । महात्मा गांधी के ‌सत्याग्रह की तर्ज पर शिवराज सिंह चौहान ने हाल में ही राजधानी भोपाल के मिंटोहाल में बापू की प्रतिमा के समीप बैठ कर स्वास्थ्य आग्रह का जो अनुष्ठान किया उसके पीछे कोरोना को परास्त करने की सात्विक भावना से प्रेरित था । मुख्यमंत्री ने इस अनूठे स्वास्थ्य आग्रह के दौरान सत्ता प्रमुख के रूप में अपने सभी उत्तरदायित्वों का निर्वहन भी किया। खुले आसमान के नीचे स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे मुख्यमंत्री के मुखमंडल का अपूर्व तेज में उनके इस अडिग आत्मविश्वास की झलक स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही थी कि कोरोनावायरस को परास्त करने के लिए उन्होंने जो लड़ाई छेड़ रखी है उसमें अंतिम विजय उनकी ही होगी। मध्यप्रदेश की धरती से कोरोना का वजूद मिटने तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। कोरोना को वे प्रदेश की आठ करोड़ जनता के चेहरे की मुस्कान छीनने का मौका नहीं देंगे।
गली घूम कर लोगों को जानलेवा वायरस की भयावहता के प्रति जागरूक और सचेत कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने गत दिनों राजधानी में कई किलोमीटर घूम कर लोगों को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव हेतु मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी बनाए रखने की अनिवार्यता का अहसास कराया। मुख्यमंत्री की इस अभिनव पहल से अभिभूत नगरवासियों ने उनसे वादा किया कि वे न केवल खुद मास्क पहनेंगे बल्कि दूसरों को भी मास्क पहनने के प्रेरित ‌करेंगे। मुख्यमंत्री की मार्मिक अपील के बाद अब राजधानी ही नहीं सारे प्रदेश में मास्क पहनने वालों की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि कोरोना की कठिन चुनौती की इस घड़ी में लोगों को यह मान लेना चाहिए कि कि ? एम पी ?का मतलब ? मास्क पहनो ?है। विनोद के लहजे में कहीं गई बात सीधे लोगों के दिलों में उतर चुकी है। मुख्यमंत्री की मंशा यही है कि कोरोना काल में इस प्रदेश का हर नागरिक मास्क पहनकर गर्व से कहे कि मैं उस एम पी का नागरिक हूं जहां एम पी ( मास्क पहनो ) कोरोना को हराने का मूल मंत्र है। निःसंदेह एम पी के‌ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की इस सराहनीय पहल ने एम पी को अब एक ऐसा नारा बना बना दिया है जो सारे देश में लोकप्रिय साबित हो रहा है। मेरा मानना है कि शिवराजसिंह चौहान की गिनती आप उन राजनीतिक नेताओं में नहीं कर सकते जिनकी कथनी और करनी कभी एक जैसी नहीं होती। दूसरों के सामने उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए वे खुद उदाहरण बनकर दिखाते हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता से मास्क पहनने की अपील की तो सबसे पहले स्वयं ही अपने परिजनों को मास्क पहनाया। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को आपस में दो गज की दूरी रखने की अनिवार्यता का महत्व समझाने के लिए उन्होंने बीच बाजार में सड़क पर बैठ कर दुकानों के सामने अपने हाथों से गोले बना डाले। लोगों को बाजार में आपस में दूरी बनाकर रखने के लिए प्रेरित करने की मंशा से मुख्यमंत्री ने स्वयं जो आदर्श प्रस्तुत किया वह लोगों को समझाने का शिवराजसिंह चौहान का अपना तरीका था और शायद इसीलिए शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने चौदह वर्षों के कार्यकाल में ढेर सारे उल्लेखनीय कीर्तिमान अपने नाम दर्ज किए हैं।मुख्यमंत्री ने गत दिवस स्वास्थ्य आग्रह का जो अनुष्ठान किया वह महात्मा गांधी के सत्याग्रह से प्रेरित था । इसमें दो राय नहीं हो सकती कि ऐसा अनुष्ठान करने का विचार केवल उसी व्यक्ति के मन में आ सकता है जो मन वचन और कर्म से सात्विक हो। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपने चार दशक से ‌अधिक के सार्वजनिक जजीवन में इस कसौटी पर हमेशा खरे‌ उतरे हैं। उन्होंने जब कोरोना के उन्मूलन हेतु स्वास्थ्य आग्रह पर बैठने की घोषणा की तब विपक्ष ने उसे उपहास का विषय बना लिया परंतु मुख्यमंत्री के मुट्ठी भर छिद्रान्वेषी राजनीतिक ‌नेताओं को तब निराशा ही हाथ लगी जब प्रदेश के कोने कोने से समाज के हर वर्ग के प्रतिनिधियों ने उनकी इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए उन्हें अपना समर्थन प्रदान किया। अपने नाम के अनुरूप ‌इस अनुष्ठान में प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लिए आग्रह का भाव ‌निहित था । मुख्यमंत्री इस अनुष्ठान के माध्यम से जनता को जो संदेश देना चाहते थे उसमें वे पूरी तरह सफल रहे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री की इस पहल का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने अपने इस अनुष्ठान के दौरान विभिन्न धर्म गुरुओं के साथ इंटरनेट मीडिया के माध्यम से संवाद भी किया। सभी धर्म गुरुओं ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री की इस अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस अनुष्ठान के माध्यम से प्रदेश की जनता को जो संदेश देना चाहते थे उसमें वे सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोरोना के विरुद्ध कुशलतापूर्वक प्रभावी लड़ाई लडी जा रही है। मुख्यमंत्री के साथ जिन धर्म गुरुओं ने संवाद किया उनमें ॠषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती,आर्कबिशप लियो कार्नेलियो, भोपाल के शहर काजी मुश्ताक अली नदवी, बोहरा धर्म गुरु शेख ताहिर अली,सिक्ख धर्म गुरु ज्ञानी दलीपसिंह, और बौद्ध धर्म गुरु शाक्य भंते के नाम विशेष उल्लेखनीय है। स्वास्थ्य आग्रह अनुष्ठान के पूर्ण होने के पश्चात मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें प्रदेश भर से समाज के हर वर्ग से समर्थन मिला है उसने उनके इस विश्वास को और मजबूत किया है कि हम जल्द ही इस संकट पर विजय हासिल करने में सफल होंगे।
(लेखक IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और डिज़ियाना मीडिया समूह के सलाहकार है)

Related News

Global News