5जी टेक्नोलॉजी के अखाड़े में भारत के दो सबसे दौलतमंद कारोबारी

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2086

भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी नीलामी सात दिनों के बाद ख़त्म हो गई है.

इस नीलामी ने भारत के डिजिटल भविष्य को लेकर एशिया के दो सबसे धनी व्यक्तियों गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी के बीच होने वाली वर्चस्व की लड़ाई के लिए मंच तैयार कर दिया है.

इस नीलामी में कुल 72 गीगाहर्ट्ज़ के स्पेक्ट्रम दांव पर लगे थे. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि दांव पर लगे स्पेक्ट्रम का 71 फ़ीसदी नीलाम हो गया है.

भारतीय दूरसंचार बाज़ार में मौजूद तीन कंपनियों मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल के अलावा चैथी और नई कंपनी अदाणी डेटा नेटवर्क्स से सरकार को 19 अरब डॉलर से अधिक की बोलियां हासिल हुई हैं.

क्रिसिल रिसर्च के अनुसार, मार्च 2021 में जब नीलामी हुई थी तो उस लिहाज से इस बार दोगुनी से अधिक कुल बोलियां मिलीं जो उम्मीद से अधिक रही हैं. इस नीलामी में रिलायंस जियो सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी जिसने कुल 11 अरब डॉलर का स्पेक्ट्रम खरीदा, वहीं अदाणी समूह ने 2.6 करोड़ डॉलर ख़र्च किए. बाक़ी की बोलियां भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया से आईं.

अदाणी समूह का पहला कदम
बताया गया है कि भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने पूरे देश के एयरवेव के लिए बोली लगाई. वहीं नकदी की समस्या से जूझ रही वोडाफोन आइडिया ने केवल प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के स्पेक्ट्रम के लिए ख़र्च किया है.

रिलायंस जियो ने एक बयान में कहा, "पूरे देश में फाइबर केबल की मौजूदगी और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में मजबूत वैश्विक साझेदारी के चलते रिलायंस जियो कम से कम समय में 5जी सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है."

अदाणी समूह पोर्ट या एयरपोर्ट पर अब तक बहुत निवेश कर चुका है. इसलिए समूह ने पोर्ट या एयरपोर्ट जैसे ख़ास क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्राइवेट स्पेक्ट्रम पर बोली लगाई है.

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाला रिलायंस जियो अब भारत के इंटरनेट बाजार का जाना-पहचाना नाम है. लेकिन गौतम अदाणी ने स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाकर चौंकाया है.

अदाणी का कारोबार आज पोर्ट, एयरपोर्ट, पावर जैसे कई सेक्टरों में फैला है. हाल ही में वो बिल गेट्स जैसे दिग्गज को पीछे छोड़कर दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख़्स बने हैं. आज उनकी कुल संपत्ति 112 अरब डॉलर की है.

हालांकि स्पेक्ट्रम की इस नीलामी के बारे में अदाणी समूह ने कहा है कि उसकी प्राइवेट स्पेक्ट्रम के बाहर के विस्तृत बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यह उस दिशा में पहला क़दम हो सकता है.

प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना
गोल्डमैन सैक्स ने एक नोट में बताया, "हमारा मानना है कि यदि अदाणी समूह आगे होने वाली नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदता है, तो इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है."

यदि अदाणी समूह आगे मोबाइल सेवा देने के कारोबार में उतरी तो इससे वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की परेशानी और बढ़ जाएगी.

ये दोनों ही कंपनियां 2016 में रिलायंस जियो के आगमन के बाद उसके द्वारा अपनाई गई आक्रामक नीतियों की मार से अभी तक जूझ रही है. और अब वे एक और अमीर संस्था के बाज़ार में उतरने की संभावना से जूझ सकती हैं.

उधर, मुकेश अंबानी मानकर चल रहे थे कि अब उनका मैदान साफ़ है, लेकिन अब उनके सामने एक अप्रत्याशित प्रतिद्वंद्वी मैदान में उतर रहे हैं.

5जी की शुरुआत से भारत में हाईस्पीड इंटरनेट के एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है.

माना जा रहा है कि इसके चलते चंद सेकेंडों में कोई फ़िल्म डाउनलोड हो सकती है. साथ ही क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के ज़रिए एडवांस्ड कनेक्टेड डिवाइसेज़ के इस्तेमाल को सक्षम बनाता है.

रिकॉर्ड आमदनी
पहले से कहीं ज़्यादा गति वाली 5जी सेवा के आने से कंपनियों को उम्मीद है कि वे अपने ग्राहकों से ज़्यादा चार्ज वसूल सकेंगी. 4जी सेवा के लिए वे अभी तक 2जी और 3जी सेवा की तुलना में अधिक चार्ज लेने से बचती रही हैं.

नोमुरा ने अपने एक नोट में बताया है कि 5जी टैरिफ प्लान के ज़रिए दूरसंचार कंपनियों को और ज़्यादा राजस्व मिलने की संभावना है.

5जी सेवा के महंगी होने के चलते भारत में इस सेवा के धीरे धीरे जोर पकड़ने का अनुमान है. वहीं यह भी अनुमान है कि भारत में 5जी टेक्नोलॉजी चलाने वाले फोन केवल 7 फ़ीसदी ही हैं.

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को रिकॉर्ड आमदनी हुई है. ये सरकार के बही खाते को ऐसे समय मजबूत करेगा, जब भारत का राजकोषीय घाटा 6.4 फ़ीसदी तक पहुंचने की संभावना है.

विश्लेषकों का अनुमान है कि केंद्र सरकार को अगले 20 वर्षों में इस सेवा से फीस के रूप में 1.6 अरब डॉलर की आय मिलेगी.

वहीं उम्मीद है कि अगस्त तक केंद्र सरकार एयरवेव का आवंटन पूरा कर लेगी और अक्तूबर की शुरुआत में 5जी सेवाएं शुरू हो जाएगी. अश्विनी वैष्णव ने कहा, "एक या दो साल के भीतर हमें देश में 5जी की अच्छी शुरुआत होनी चाहिए."

Source: निखिल इनामदार
बीबीसी बिज़नेस संवाददाता, मुंबई

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