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छिन्दवाड़ा मेडिकल कालेज पर पांच सालों में 124 करोड़ व्यय हुये

Place: Bhopal                                                👤By: prativad                                                                Views: 657

02 अप्रैल 2023। राज्य विधानसभा में गत दिवस चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विधायक सनील उईके के सवाल के जवाब में बताया कि छिन्दवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईसेंस से संबध्द नवीन शैक्षणिक अस्पताल एवं अन्य भवनों के निर्माण तथा मशीन, संयंत्र व उपकरणों की स्थापना में पिछले पांच साल में वर्ष 2019 से अब तक कुल 124 करोड़ 22 लाख 24 हजार रुपये व्यय किये जा चुके हैं।
मंत्री ने बताया कि 16 जुलाई 2019 को इस मेडिकल कालेज हेतु 1184 करोड़ 85 लाख रुपये की और फिर 17 सितम्बर 2019 को पुनरीक्षण के जरिये 1455 करोड़ 33 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी परन्तु 13 दिसम्बर 2022 को प्रोजेक्ट डी स्कोप के अंतर्गत पुन: पुनरीक्षण कर प्रशासकीय स्वीकृति को 768 करोड़ 22 लाख रुपये किया गया। मेडिकल कालेज में रिक्त पदों की भर्ती उचित प्रक्रिया द्वारा विज्ञापित कर साक्षात्कार के जरिये की जा रही है।

पाण्ढुर्ना ब्लाक :
विधायक निलेश उईके को जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना 20 फरवरी 2003 अनुसार घोषित अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले का पाण्ढुर्ना ब्लाक नहीं आता है एवं अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत जनजाति विकासखण्ड अनुसूचित करने की अधिकारिता केंद्र सरकार की होने से पाण्ढुर्ना ब्लाक को जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत करने की कार्यवाही नहीं की गई है।

परिवाद लंबित है :
विधायक सुनील उईके को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि छिन्दवाड़ा जिले के बिछुआ पुलिस थाने में 22 सितम्बर 2014 को अवैध सागौन कटाई के आरोपियों को पकडऩे गये वन अमले और ग्रामीणों के बीच मुठभेड़ में वन अमले द्वारा की गई गोलीचालन से दो ग्रामीण की मृत्यु हो गई थी। थाना बिछुआ में 40-50 वनकर्मियों पर धारा 302 के तहत हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रकरण में चालान पेश न कर वर्ष 2019 में खत्मा पेश किया गया। इस मामले में संयोजक जनक्रांति मोर्चा मप्र के द्वारा एट्रोसिटी न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया है जो अभी लंबित है। मंत्री ने इस सवाल पर कि क्या प्रदेश स्तर पर गठित मंत्रीमंडल की समिति को निर्दोष आदिवासी की हत्या में आरोपियों को बचाने का अधिकार मिला है, जवाब दिया कि जी नहीं।


- डॉ. नवीन जोशी


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