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अब नगरीय निकाय अपनी अचल सम्पत्तियां ई-टेण्डर के जरिये किराये पर देंगी

Place: Bhopal                                                👤By: prativad                                                                Views: 687

11 अप्रैल 2023। प्रदेश के नगरीय निकाय अब अपनी अचल सम्पत्ति पांच प्रयासों के बाद भी विक्रीत न होने पर ई-टेण्डर के जरिये किराये पर दे सकेंगी। यह नया प्रावधान नगरीय प्रशासन विभाग ने सात साल पहले बने मप्र नगरपालिका अचल सम्पत्ति का अंतरण नियम 2016 में बदलाव कर किया है।

जारी बदलाव में कहा गया है कि उच्च बोली लगाने को तीन बार के लिये किराये पर अचल सम्पत्ति दी जा सकेगी परन्तु हर बार दस माह का अनुबंध होगा तथा अगले अनुबंध में किराये में दस प्रतिशत किराया व़ृध्दि रहेगी।

इसी प्रकार, अब विक्रय, पट्टे, भाड़े, दान, बंधक या विनिमय द्वारा अचल सम्पत्ति के अंतरण की दशा में पांच लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले नगर निगम में 2 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति हेतु आयुक्त, 2 करोड़ से अधिक परन्तु 10 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये मेयर इन कौंसिल, 10 करोड़ से अधिक परन्तु 20 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये नगर निगम, 20 करोड़ से अधिक पर 50 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये आयुक्त नगरीय प्रशासन तथा 50 करोड़ रुपये से अधिक सम्पत्ति के लिये राज्य सरकार
स्वीकृतिकत्र्ता होगी। पांच लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम में 40 लाख रुपये तक की सम्पत्ति हेतु आयुक्त, 40 लाख से अधिक परन्तु 2 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये मेयर इन कौंसिल, 2 करोड़ से अधिक परन्तु 5 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये नगर निगम, 5 करोड़ से अधिक पर 10 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये आयुक्त नगरीय प्रशासन तथा 10 करोड़ रुपये से अधिक सम्पत्ति के लिये राज्य सरकार स्वीकृतिकत्र्ता होगी।

इसी प्रकार, नगर पालिकाओं में 2 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति हेतु प्रेसीडेंट इन कौंसिल, 2 करोड़ से अधिक परन्तु 5 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये परिषद, 5 करोड़ से से अधिक परन्तु 10 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये आयुक्त नगरीय प्रशासन तथा 10 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति के लिये राज्य सरकार स्वीकृतिकत्र्ता होगी। नगर परिषदों में पचास लाख रुपये तक की सम्पत्ति हेतु प्रेसीडेन्ट इन कौंसिल, 50 लाख से अधिक परन्तु 1 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये परिषद, 1 करोड़ से अधिक परन्तु 10 करोड़ रुपये तक की सम्पत्ति के लिये आयुक्त नगरीय प्रशासन तथा 10 करोड़ रुपये से अधिक सम्पत्ति के लिये राज्य सरकार स्वीकृतिकत्र्ता होगी।
इसी प्रकार, अब अचल सम्पत्ति का वार्षिक पट्टा-भाटक, प्रथम दस वर्ष हेतु न्यूनतम 0.5 प्रतिशत होगा तथा तत्पश्चात अगले बीस वर्षों के लिये टेण्डर में प्राप्त प्रीमीयम मूल्य का 2 प्रतिशत होगा।

- डॉ. नवीन जोशी


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