×

बंद किये गये अहातों के स्थान पर बार लायसेंस में किया इजाफा, पातालकोट में भी रिसोर्ट बार लायसेंस मिलेगा

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 506

20 अप्रैल 2023। राज्य सरकार ने शराब दुकानों से अटैच अहाते तो बंद कर दिये हैं परन्तु बैठकर मदिरा पान के लिये बार लायसेंसों में जमकर इजाफा कर दिया है। आबकारी आयुक्त द्वारा जारी नवीन बार लारयसेंस निर्देशों के तहत अब पर्यटन विभाग एवं इके टूरिज्म बोर्ड की अनुशंसा पर सस्ते में रिसोर्ट/होटल बार लायसेंस दिये जायेंगे। इसके तहत हेरीटेज पर्यटन क्षेत्र सांची, भीमबैठका, खजुराहो, माण्डू एवं ओरछा तथा प्राकृतिक पर्यटन क्षेत्र पचमढ़ी, तामिया, पातालकोर्ट एवं उदयगिरी में रिसोर्ट बार लायसेंस स्वीकृत किये जायेंगे। इसी प्रकार, पर्यटन विभाग द्वारा जल पर्यटन हेतु अधिसूचित बांध एवं जलाशय क्षेत्र में स्थापित रिसोर्ट यथा गांधी सागर मंदसौर, तवा बांध होशंगाबाद, बाणसागर बांध रीवा, मणीखेड़ा, चांदपाठा बांध शिवपुरी, गंगऊ बांध पन्ना, मान बांध धार, जोूबट फाटा बांध अलीराजपुर, गोविन्दगढ़ जलाशय रीवा, माचागोरा बांध छिन्दवाड़ा, सोंपना बांध बैतूल एवं धोलाबड़ जलाशय रतलाम हेतु भी इसी केटेगरी में रिसोर्ट बार लायसेंस दिये जायेंगे। इस केटेगरी में वन्य क्षेत्रों में स्थित 5 कमरों वाले रिसोर्ट को 50 हजार रुपये मेंं, 6 से 10 कमरों वाले रिसोर्ट को 75 हजार रुपये, 10 से अधिक कमरों वाले रिसोर्ट को एक लाख रुपये में बार लायसेंस मिल जायेगा।
ऊपरी मंजिलों एवं छतों पर भी परोसी जायेगी मदिरा :
बार निर्देशों में कहा गया है कि रेस्तरा बार लायसेंस एफएल-2 के अंतर्गत एक तल पर न्येनतम 1500 वर्गफुट का एयरकंडीशन्ड कवर्ड डायनिंग एरिया होना चाहिये तथा रेस्तरा बार को ऊपरी मंजिलों एवं छत पर भी संचालित किया जा सकेगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर जिले के नगर निगम क्षेत्र में रेस्तरा बार लायसेंस 15 लाख 50 हजार रुपये में मिलेगा जबकि उज्जैन, सागर एवं रीवा जिले के नगर निगम क्षेत्र में 14 लाख रुपये में मिलेगा। अन्य नगर निगम क्षेत्रों में 12 लाख रुपये में लायसेंस दिया जायेगा। गैर नगर निगम क्षेत्रों में 10 लाख रुपये में लायसेंस मिलेगा। इसी प्रकार क्रूज बोट पर मदिरा परोसने हेतु डेढ़ लाख रुपये में लायसेंस मिलेगा।
बार में नहीं सेवन की जाती है ज्यादा मदिरा :
आबकारी कार्यालय के अफसरों ने तर्क दिया है कि अहातों में मदिरापान ज्यादा होता है जिसमें व्यक्ति अनकांशस भी हो जाता है जबकि बार में मदिरा का सेवन कम किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आंदोलन चलाया था कि अहातों में मदिरापान के बाद व्यक्ति बाहर वाहन चलाता है और वह जोखिम भरा होता है। उनके आंदोलन पर इस साल से अहाते बंद करने का निर्णय लिया गया है।


- डॉ. नवीन जोशी


Madhya Pradesh, प्रतिवाद समाचार, प्रतिवाद, MP News, Madhya Pradesh News, Hindi Samachar, prativad.com

Related News

Global News