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सिंगल सिटीजन डेटाबेस के लिये सभी विभागों से मांगी सहमति

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 557

30 मई 2023। राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी विभागों से सिंगल सिटीजन डेटाबेस के लिये उनकी सहमति मांगी है।
इस संबंध में जारी पत्र में सभी विभागों से कहा गया है कि राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा समग्र को सुदृढ़ कर एकल नागरिक डेटाबेस यानि सिंगल सिटीजन डेटाबेस स्थापित किया जा रहा है। इस डेटाबेस का उद्देश्य राज्य में एक सर्टिफिकेट गवर्नेन्स सिस्टम स्थापित करना तथा विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं सेवाओं को सरलता के साथ नागरिकों तक पहुंचाना है। पत्र में चार बिन्दुओं पर सभी विभागों से सहमति मांगी गई है। एक, हितग्राही मूलक केंद्रित योजनाओं एवं नागरिकों को प्रदाय की जा रही सेवाओं के लिये आवेदन करने में आधार और समग्र आईडी के उपयोग को अनिवार्य किया जाये। दो, समस्त योजनाओं एवं सेवाओं में पंजीयन के लिये आवेदन फार्म की पुन: समीक्षा कर अनावश्यक जानकारी को हटा कर आवेदन कर आवेदन को सरल बनाया जाना है। ऐसी जानकारी आधार ईकेवायसी अथवा समग्र सत्यापन से प्राप्त हो सकती है। नामांकन/पंजीयन फार्म का डेटा एवं फील्ड राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम के साथ एक्सल प्रारुप में सझा की जाये। तीन, अन्य माध्यम से प्राप्त की जा रही आधार ईकेवायसी सेवाओं के स्थान पर समग्र पोर्टल द्वारा उपयोग की जा रही ईकेवायसी सेवा का उपयोग किया जाये। चार, विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध लाभार्थियों की जानकारी राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम के साथ साझा किया जाये जिससे इस जानकारी को समग्र डेटाबेस के साथ अद्यतन किया जा सके। इसके लिये पुराना डेटा को डंप किया जाये, नवीन रिकार्ड्स एपलीकेशन प्रोग्रामिंग इन्टरफेस यानि एपीआई के माध्यम से विकसित किया जाये एवं एपीआई के माध्यम से विभाग द्वारा नागरिकों को दिये जाने वाले लाभों/सेवाओं की जानकारी को साझा किया जाये।

क्या है सिंगल सिटीजन डेटाबेस :
अभी विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों से बार-बार जानकारी मांगनी पड़ती है। एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी होगी। शासन के पास उपलब्ध जानकारी का विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए उपयोग किया जा सकेगा। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 600 से 700 हितग्राहीमूलक योजनाएं संचालित होती हैं। इन योजनाओं का लाभ देने के लिए हितग्राहियों का अलग-अलग पंजीयन किया जाता है। इससे एक ओर शासकीय मशीनरी को बहुत समय खर्च करना पड़ता है वहीं नागरिकों को भी बार-बार जानकारी उपलब्ध करानी होती है। एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से शासकीय मशीनरी का समय बचेगा, वहीं नागरिकों के लिए नई व्यवस्था अधिक सुविधाजनक होगी। वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश राज्यों में नागरिक डाटाबेस बनाया गया है। राजस्थान में यह योजना भामाशाह के नाम से तथा आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में प्रजा साधिकार नाम से संचालित है। जैसे एक बार किसी नागरिक का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद उसका रिकार्ड एकल डाटाबेस में रहेगा, जिससे किसी दूसरी योजना का लाभ लेने के लिए उससे दोबारा जाति प्रमाण पत्र मांगने की आवश्यकता नहीं होगी। एकल नागरिक डाटाबेस में नागरिक के नाम, पते आदि के अलावा उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि का विवरण, उगाई गई फसल, मूल निवासी प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा प्रमाण पत्र आदि की जानकारी रहेगी। एकल डाटाबेस के निर्माण के लिए समग्र डाटा को बेहतर बनाया जाएगा तथा आधार के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सिंगल सिटीजन डेटाबेस के लिए जाति प्रमाण पत्र एवं लाड़ली लक्ष्मी हेतु डेटाबेस का इंटीग्रेशन एवं एपीआई विकसित कर ली गयी है, जो की समग्र आईडी के आधार पर, बिना आवेदन के प्राप्त हो सकेंगी। जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय निवासीय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, भू-अभिलेख, पेंशन, एमपी टास, श्रमिक(संबल) की जानकारी एवं शैक्षणिक जानकारी (10वीं एवं 12 वीं) का परिणाम भी सिंगल सिटीजन डेटाबेस में समावेशित किया गया है।

- डॉ. नवीन जोशी

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